नवरात्रि का पर्व हर साल मनाया जाता है। ऐसे में इस बार शारदीय नवरात्रि 7 अक्तूबर से शुरू हो गया है। इस दौरान व्रती व्रत करते हैं और मां दुर्गा को खुश करते हैं। अब आज हम आपको बताने जा रहे हैं व्रत के 10 नियम। कितने प्रकार के होते हैं व्रत- 

1.प्रातः उपवास, 2.अधोपवास, 3.एकाहारोपवास, 4.रसोपवास, 5.फलोपवास, 6.दुग्धोपवास, 7.तक्रोपवास, 8.पूर्णोपवास, 9.साप्ताहिक उपवास, 10.लघु उपवास, 11.कठोर उपवास, 12. टूटे उपवास, 13.दीर्घ उपवास, 14.पाक्षिक व्रत 15.त्रैमासिक व्रत 16.छह मासिक व्रत और 17.वार्षिक व्रत।

कहा जाता है भोजन करने, दूध या रस पीने के बाद माताजी की पूजा नहीं करना चाहिए। जी दरअसल माता की पूजा कभी भी जूठे मुंह नहीं करते हैं। 

1.कहा जाता है इन नौ दिनों में स्त्रीसंग शयन वर्जित होता है।

2.कहते हैं इन नौ दिनों में किसी भी प्रकार से क्रोध नहीं करना चाहिए।

3.कहा जाता है इन नौ दिनों में बुरा देखना, सुनना और कहना नहीं चाहिए।

4.इन नौ दिनों में पवित्रता का ध्यान रखना चाहिए।

5.इन नौ दिनों में किसी भी प्रकार से किसी महिला या कन्या का अपमान नहीं करना चाहिए।

6.नवरात्रि के दौरान जिसकी जैसी क्षमता होती है वह वैसा उपवास कर सकता है।

7.नौ दिनों में अधोपवास अर्थात एक समय भोजन किया जाता है जिसमें बगैर लहसुन व प्याज का साधारण भोजन किया जाता है और वह भी सूर्योस्त से पूर्व।

8.नौ दिनों में साफ-सुथरे ताजे पानी के अलावा किसी और चीज को बिलकुल न खाना पूर्णोपवास कहलाता है। इस उपवास को करने वाले नौ दिन कहीं भी बाहर नहीं जाते हैं।

9.नौ दिन यदि आप उपवास नहीं भी कर रहे हैं तो भी आपको मद्यपान, मांस-भक्षण और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए।