समुद्र तो लगभग सबने देखा होगा, नजदीक भले न गए हों। उफनाती हुई पानी की लहरें, कई किलोमीटर तक पानी ही पानी। लेकिन क्या आपको पता है कि सागर  और महासागर के बीच अंतर क्या है? ऑनलाइन प्लेटफार्म कोरा पर यही सवाल पूछा गया। तमाम यूजर्स ने अपने-अपने तरह से जवाब दिए। ज्यादातर लोगों ने दोनों को एक बताया। मगर यह सच नहीं है। सागर और महासागर दोनों बिल्कुल अलग हैं। दोनों के बीच बड़ा अंतर है। तो अजबगजब नॉलेज के तहत आइए जानते हैं कि आखिर अंतर है क्या? सबसे पहले जानिए सागर और महासागर कहते किसको हैं? सागर यानी स्द्गड्ड में खारा पानी पाया जाता है। ज्यादातर नदियां इसमें जाकर मिलती हैं और अपना सारा पानी इसमें उड़ेल देती हैं। सबसे बड़ा अंतर यह है कि सागर महासागरों से काफी छोटे होते हैं। ये महासागरों के मुकाबले कम गहरे होते हैं। ये एक ऐसी जगह है जहां इंसानों के लिए भोजन मौजूद होता है। जैसे मछली, समुद्री शैवाल आदि। जबकि महासागरों में यह नहीं मिलेगा। इस महासागर में घूम रही है 500 साल पुरानी शार्क, जिसने भी देखा वो हैरान हो गया।

महासागर की गहराई नाप पाना मुश्किल :महासागर इतने गहरे होते हैं कि उनकी गहराई नाप पाना मुश्किल होता है। इसीलिए आप देखते होंगे कि सब जगह लिखा जाता है समुद्र तल से ऊंचाई। साइंटिस्ट ने अब तक दुनिया के सबसे गहरे माने जाने वाले प्रशांत महासागर की गहराई नापने की कोशिश की। सिर्फ एक जगह तक पहुंच पाए, जिसे मारिआना ट्रेंच कहा जाता है। यहां प्रशांत महासागर की गहराई करीब 36,200 फीट मापी गई। इसके बावजूद वैज्ञानिक मानते हैं कि यह प्रशांत महासागर की अधिकतम गहराई नहीं है। महासागरों की अनुमानित गहराई करीब 3800 मीटर तक मानी गई है।

सागर हमेशा जमीन से जुड़े पर महासागर नहीं : धरती पर कुल पांच महासागर हैं। प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, आर्कटिक महासागर, अटलांटिक महासागर और अटांर्कटिक महासागर। ये अपने विशालकाय रूप के लिए जाने जाते हैं। इनमें विभिन्न जीव-जंतुओं की अपनी एक दुनिया है। इसमें केकड़े, स्टारफिश, शार्क, व्हेल आदि जैसी मछलियां पाई जाती हैं। सागर हमेशा जमीन के किसी न किसी हिस्से से जुड़े होते हैं, लेकिन महासागर कभी भी जमीन के साथ नहीं जुड़े होते। सागर भी आगे चलकर महासागर में विलय हो जाता है। इसीलिए दोनों को अलग-अलग नाम दिया जाता है। जैसे सी ऑफ जापान और रेड सी। दोनों एक ही जगह हैं लेकिन अलग अलग।