गुवाहाटी : राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने सोमवार को ग्वालपाड़ा जिले के अपने पहले दौरे पर सैनिक स्कूल का दौरा किया। राज्यपाल के साथ जिला उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक भी उपस्थित थे। राज्यपाल कटारिया ने स्कूल के प्रिंसिपल कर्नल वाईएस परमार एसएम और अन्य स्टाफ सदस्यों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान प्रिंसिपल ने स्कूल, इसकी सुविधाओं, पाठ्यक्रम और प्रवेश प्रक्रियाओं का व्यापक अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने राज्यपाल को खेल और अन्य क्षेत्रों में छात्रों की सराहनीय उपलब्धियों के साथ-साथ विभिन्न रक्षा परीक्षाओं में छात्रों की सफलता से भी अवगत कराया।
बाद में राज्यपाल कटारिया ने स्कूल के शिक्षकों और छात्रों को संबोधित करते हुए छात्रों के बीच शिक्षा को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका के लिए स्कूल की सराहना की और उनसे मातृभूमि के प्रति गहरा प्रेम पैदा करने, सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और आत्मनिर्भरता को अपनाने के लिए भी कहा। राज्यपाल ने उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए स्कूल की निरंतर प्रतिबद्धता को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की, जिससे छात्रों को रक्षा सेवाओं में निस्वार्थ भाव से सेवा करने और राष्ट्र के विकास में योगदान देने के लिए तैयार किया जा सके।
उन्होंने व्यक्तिगत विकास को सुविधाजनक बनाने में अनुशासन के महत्व पर जोर दिया। राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली लड़कियों की सकारात्मक प्रवृत्ति पर प्रकाश डाला और देश के विकास में लड़के और लड़कियों दोनों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने एक ऐसे भविष्य की कल्पना की है जहां उनका सामूहिक योगदान भारत को विश्वगुरु बनने की ओर ले जाएगा। इसके अलावा, राज्यपाल ने प्रस्ताव दिया कि स्कूल को छात्रों के लिए वंचित क्षेत्रों में एक्सपोजऱ विजिट की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वे कम विशेषाधिकार प्राप्त व्यक्तियों के जीवन को समझ सकें। उनका मानना था कि यह छात्रों को उन कम भाग्यशाली लोगों के जीवन में सकारात्मक योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सहानुभूति और संवेदना को प्रेरित करेगा।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा का सार एक साथ बढऩे में निहित है और इसलिए, सैनिक स्कूल, ग्वालपाड़ा को सामूहिक विकास के लिए आगे आना चाहिए। राज्यपाल ने टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने पर भी जोर दिया और स्कूल प्राधिकरण से स्कूल की अपनी बिजली उत्पन्न करने के लिए सौर ग्रिड की स्थापना के लिए कहा। बाद में, राज्यपाल ने पुरातात्विक स्थल श्रीसूर्यपहाड़ का दौरा किया और सूर्यपहाड़ पुरातत्व संग्रहालय का निरीक्षण किया।