हाल ही में असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर पैदा हुए तनाव के मद्देनजर पूर्वोत्तर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें क्षेत्र में आग भड़का रही हैं और कांग्रेस इस संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति कर रही है। केंद्रीय मंत्रियों किरेन रिजीजू और सर्वानंद सोनोवाल के साथ असम, मणिपुर, त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश के सांसदों ने संसद भवन स्थित कार्यालय में प्रधानमंत्री से मुलाकात की और उन्हें चार पन्नों का एक ज्ञापन भी सौंपा। मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में रिजीजू ने आरोप लगाया कि विदेशी ताकतें उकसाने वाले बयानों और सामग्रियों को तोड़मरोड़ कर पेश कर रही हैं और ऐसा करके क्षेत्र में आग को हवा देने का काम रही हैं। रिजीजू ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सांसदों से कहा कि पूर्वोत्तर उनके दिल के बेहद करीब है। इसलिए क्षेत्र के प्रति उनका प्यार भी स्वाभाविक है। रिजीजू के मुताबिक प्रधानमंत्री ने कहा कि वह इस क्षेत्र को राजनीति के चश्मे से नहीं देखते। इस मुलाकात के दौरान सांसदों के प्रतिनिधमंडल ने प्रधानमंत्री को सौंपे ज्ञापन में कहा कि जो भी तत्व असम-मिजोरम मामले को भारत में अव्यवस्था फैलाने के एक माध्यम के रूप में देख रहे हैं, उन्हें वह कहना चाहते हैं कि उनकी शरारत नहीं चलने वाली है। सांसदों ने कहा कि जिस प्रकार असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा हुई उससे वह दुखी हैं। ज्ञापन के मुताबिक सांसदों ने कहा कि इस मामले को लेकर कांग्रेस के नेतृत्व में समाज का एक राजनीतिक वर्ग राजनीति करने का प्रयास कर रहा है,जिसे हम खारिज करते हैं। वह इसे दूसरे पर हावी होने के माध्यम के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों ने इस मामले का शांतिपूर्ण समाधान की प्रतिबद्धता जताई है। उन्होंने कहा कि इस सिलसिले में पिछले कुछ दिनों के भीतर विश्वास बहाली की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद कांग्रेस का रवैया कपटपूर्ण और शरारत से भरा रहा है। कांग्रेस और उसके नेताओं के मन में क्षेत्र की संस्कृृति को लेकर तनिक भी सम्मान नहीं है। ज्ञापन में सांसदों ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने पूर्वोत्तर में विकास के ऐतिहासिक और बेमिसाल काम’ किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए सांसदों ने कहा कि केंद्र की कांग्रेस की सरकारों ने क्षेत्र के लोगों के सपनों के साथ कभी भी न्याय नहीं किया। इस प्रतिनिधमंडल में पूर्वोत्तर के 16 सांसद मौजूद थे। इनमें 12 असम से, दो अरुणाचल प्रदेश और एक-एक मणिपुर और त्रिपुरा से थे। उल्लेखनीय है कि सीमा विवाद को लेकर कछार जिले के धोलाई में हुई हिंसा में असम पुलिस के छह जवान मारे गए थे जबकि एक नागरिक की भी मौत हो गई थी।