पूर्वोत्तर क्षेत्र के भौगोलिक संकेत (जीआई) संबंधी उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नगालैंड की राजा मिर्च जिसे किंग चिली भी कहा जाता है, की एक खेप को पहली बार हवाई मार्ग से गुवाहाटी के रास्ते लंदन निर्यात किया गया। किंग चिली की इस खेप को स्कोविल हीट यूनिट्स (एसएचयू) के आधार पर दुनिया की सबसे तीखी भी माना जाता है। इस खेप को नागालैंड के पेरेन जिले के एक हिस्से, तेनिंग से मंगवाया गया था और उसे गुवाहाटी में एपीडा से सहायता प्राप्त पैकहाउस में पैक किया गया। नागालैंड की इस मिर्च को भूत जोलोकिया और घोस्ट पीपर भी कहा जाता है। इसे 2008 में जीआई सर्टिफिकेशन मिला था। एपीडा ने नागालैंड राज्य कृषि विपणन बोर्ड (एनएसएएमबी)के सहयोग से ताजा किंग चिली की निर्यात की पहली खेप का समन्वय किया। एपीडा ने जून और जुलाई 2021 में प्रयोगशाला जांच के लिए इसके नमूने भेजने में एनएसएएमबी के साथ समन्वय किया था और जांच के नतीजे उत्साहजनक रहे क्योंकि इसे जैविक तरीके से उगाया जाता है। अत्यधिक खराब होने की इसकी प्रकृति के कारण ताजा किंग चिली का निर्यात एक चुनौती थी। नागालैंड का किंग चिली सोलानेसी परिवार के शिमला मिर्च की प्रजाति से संबंधित है। नागा राजा मिर्च को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च माना गया है और यह एसएचयू के आधार पर दुनिया की सबसे तीखी मिर्च की सूची में शीर्ष पांच में लगातार बनी हुई है।
नगालैंड की किंग चिली पहली बार पहुंची लंदन
