बॉलीवुड में अक्सर अभिनेताओं के नाम बदल दिए जाते हैं। जैसे जितेंद्र का असली नाम रवि कपूर, अक्षय कुमार का असली नाम राजीव भाटिया, दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद युसुफ खान था। ऐसे ही एक अभिनेता हैं जिन्हें फिल्म इंडस्ट्री ने एक अलग और नया नाम दे दिया गया। ये नाम है ‘सूरमा भोपाली’। सूरमा भोपाली को फिल्म इंडस्ट्री में कौन नहीं जानता। लेकिन उनका असली नाम कम ही लोग जानते हैं। अभिनेता जगदीप को उनके असली नाम से कम ही लोग पुकारते हैं। उनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी है। बॉलीवुड ने पहले उन्हें नाम दिया जगदीप। इसके बाद देखते ही देखते जगदीप कब सूरमा भोपाली बन गए पता ही नहीं चला।
अभिनेता जगदीप ने रमेश सिप्पी के निर्देशन में बनी फिल्म शोले में सूरमा भोपाली का किरदार निभाया था। लेकिन इससे भी पहले साल 1988 में फिल्म सूरमा भोपाली आई। हालांकि सूरमा भोपाली नाम को फिल्म शोले से ही शोहरत मिली। बस यहीं से सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी, जगदीप से सूरमा भोपाली बन गए। उनका ये किरदार बड़ा ही दिलचस्प था। साथ ही साथ उनका जगदीप से सूरमा भोपाली बनने का किस्सा भी बेहद दिलचस्प था। एक इंटरव्यू में जगदीप से पूछा गया कि, आप जगदीप हैं, आपको असली नाम से कम ही लोग जानते हैं। आपके जेहन में ये कैसे आया कि भोपाल की भाषा को दुनिया भर में मशहूर कर दें। इस सवाल के जवाब में जगदीप ने कहा कि ये बड़ा लंबा और दिलचस्प किस्सा है। सलीम और जावेद की एक फिल्म थी ‘सरहदी लुटेरा’, इस फिल्म में मैं कॉमेडियन था। मेरे डायलॉग बहुत बड़े थे तो मैं फिल्म के डायरेक्टर सलीम के पास गया और उन्हें बताया कि ये डायलॉग बहुत बड़े हैं।
तो उन्होंने कहा कि जावेद बैठा है उससे कह दो। जगदीप ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि मैं जावेद के पास गया और मैंने जावेद से कहा तो उन्होंने बड़ी ही फूर्ति से डायलॉग को पांच लाइन में समेट दिया। मैंने कहा कमाल है यार, तुम तो बड़े ही अच्छे राइटर हो। इसके बाद हम शाम के समय साथ बैठे, किस्से कहानी और शायरियों का दौर चल रहा था। उसी बीच उसने (जावेद) बीच में एक लहजा बोला ‘क्या जाने, किधर कहां-कहां से आ जाते हैं।’ मैंने पूछा कि अरे ये क्या कहां से लाए हो।
तो वो बोले कि भोपाल का लहजा है। तो मैंने कहा मुझे भी सिखाओ। इस वाकये के 20 साल बीत जाने के बाद फिल्म ‘शोले’ शुरू हुई। मुझे लगा मुझे शूटिंग के लिए बुलाएंगे। लेकिन मुझे किसी ने बुलाया ही नहीं। फिर एक दिन रमेश सिप्पी का मेरे पास फोन आया। वो बोले शोले में काम करना है तुम्हें। मैंने कहा उसकी तो शूटिंग भी खत्म हो गई। तब उन्होंने कहा कि नहीं नहीं ये सीन असली है इसकी शूटिंग अभी बाकी है। बस यहीं से शुरू हुआ जगदीप से सूरमा भोपाली बनने का सफर। जगदीप अपने जमाने के बेहतरीन कॉमेडियन रहे हैं।