गुवाहाटी: आज राज्य भर में ईद-उल-अजहा (बकरीद)  का त्योहार बड़े ही धूम-धाम से मनाया गया। इस मौके पर सभी एक दूसरे को गले लगाकर बकरीद की बधाइयां दी। इस मौके पर ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज अदा कर अमन-चैन की दुआ मांगी गई। त्योहार को लेकर प्रशासनिक व्यवस्था भी चुस्त-दुरुस्त थी। लोगों ने नमाज अदा करने के बाद ईद की मुबारकबाद दी। हालांकि आज महानगर में बारिश के चलते ईदगाहों के बजाय  कई  मस्जिदों, मदरसों में सभी ने नमाज अता की।

महानगर के सभी इस्लामधर्मावलंबी नए-नए कपड़े व टोपी पहनकर तैयार हुए, इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्र के  निकटतम ईदगाह स्थल तथा मस्जिदों में पहुंचकर नमाज का समय होते ही सभी ने एक साथ नमाज में भाग लिया। इसके बाद सेवइयां खाए, इसके साथ ही एक दूसरे को चॉकलेट के साथ ही अन्य उपहार भी प्रदान किए। वहीं अंजुमन मिल्लत ए इस्लामिया गुवाहाटी के सलाहकार मोहम्मद सैमुद्दीन मंसूरी उर्फ (मुखियाजी) ने  बताया कि आज बारिश होने के कारण ईदगाहों के बजाय मस्जिदों व मदरसों में नमाज अदा की गयी। क्योंकि प्राय: सभी ईदगाहों में नमाज के समय ही बारिश होने लगी थी व फिल्ड गीला हो गया था।

आज  नमाज सुबह  8.30 शुरू हुई व सुबह 10 बजे दिन में दुवाओं के साथ खत्म हुई। गुवाहाटी के सभी मस्जिदों व मदरसों में सादगी पूर्ण तरीके से नमाजें अता की गई। जैसे जामा मस्जिद इस्लामपुर,गुवाहाटी क्लब बुढ़ा जामे मस्जिद, लखटकिया बड़ी मस्जिद, हिदायतपुर मस्जिद, माछखोवा मस्जिद, आठगांव कब्रिस्तान कंपाउंड  मस्जिद, हाथीगांव-सिजूबारी मस्जिद के साथ ही अन्य मस्जिदों में सादगी पूर्ण तरीके से नमाजें अदा की गई व पूरे राज्य में  अमन-चैन की दुआएं की गईं। इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर हजऱत इब्राहिम अपने बेटे हजऱत इस्माइल को इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर खुदा की राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उनके बेटे इस्माइल को जीवनदान दे दिया। इसी की याद में यह त्योहार मनाया जाता है।