संसद के मानसून सत्र की सोमवार को हंगामेदार शुरूआत हुई तथा विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने के मकसद से विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की बैठक बार-बार बाधित हुई। हंगामे के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद के सदस्यों का परिचय भी नहीं करवा पाए। हंगामे के कारण लोकसभा दो बार और राज्यसभा तीन बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी। विभिन्न मुद्दों को लेकर विपक्ष के सदस्यों के हंगामे के चलते नये मंत्रियों का परिचय दोनों सदनों में नहीं करवाए जाने से क्षुब्ध प्रधानमंत्री मोदी ने आरोप लगाया कि विपक्ष की महिला, आदिवासी एवं दलित विरोधी मानसिकता के कारण यह सब किया जा रहे हैं क्योंकि नये बने मंत्रियों में से अधिकतर इन्हीं वर्गों के हैं। दोनों सदनों में विपक्षी सदस्य तीन नए कृषि काननों, महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर नारेबाजी करते दिखे। कुछ विपक्षी सदस्यों ने आसन के समक्ष आकर नारेबाजी भी की। राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि नए मंत्रियों का सदन में परिचय करवाने की परंपरा पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय से चली आ रही है और इस परंपरा को तोड़ना लोकतंत्र की परंपराओं को हानि पहुंचाना है। लोकसभा में सदन की बैठक शुरू होने पर चार नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ग्रहण किया। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय कराने के दौरान कांग्रेस समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों और अन्य विषयों पर हंगामा शुरू कर दिया। इस पर प्रधानमंत्री ने विपक्षी सदस्यों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है कि दलित, आदिवासी, ओबीसी और महिला मंत्रियों का यहां परिचय कराया जाए। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि परंपराओं को न तोड़ें। आप लंबे समय तक शासन में रहे हैं। आप परंपरा को तोड़कर सदन की गरिमा को कम नहीं करें। विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच प्रधानमंत्री मोदी ने उन पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं सोच रहा था कि सदन में एक उत्साह का वातावरण होगा क्योंकि बड़ी संख्या में हमारी महिला सांसद मंत्री बनी हैं। आज खुशी का माहौल होगा कि आदिवासी साथी बड़ी संख्या में मंत्री बने हैं। उन्होंने कहा कि किसान परिवार और ग्रामीण परिवेश से आने वाले, सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समाज से आने वालों को बड़ी संख्या में मंत्रिपरिषद में स्थान मिला है, उनके परिचय में खुशी होनी चाहिए थी। मोदी ने कहा कि इस बार सदन में हमारे साथी सांसद जो किसान परिवार से हैं, ग्रामीण परिवेश के हैं, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से हैं, ओबीसी समाज से हैं, बहुत बड़ी मात्रा में उन्हें मंत्रिपरिपषद में मौका मिला, उनका परिचय करने का आनन्द होता, बेंचों को थपथपा कर उन पर गौरव किया गया होता। प्रधानमंत्री ने कहा कि लेकिन शायद देश के दलित मंत्री बनें, देश की महिला मंत्री बने, देश के ओबीसी मंत्री बनें, देश के किसानों के बेटे मंत्री बनें, ये बात कुछ लोगों को रास नहीं आती है और इसलिए उनका परिचय तक नहीं होने देते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री ने अध्यक्ष के सुझाव पर नए मंत्रियों की सूची सदन के पटल पर रख दी। गौरतलब है कि गत सात जुलाई को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिपरिषद विस्तार हुआ था जिसके तहत 43 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। इनमें 15 कैबिनेट और 28 राज्य मंत्री हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नये मंत्रियों का परिचय कराने के दौरान कांग्रेस सदस्यों के हंगामे को दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इससे पहले लोकसभा अध्यक्ष ने सदन के 40 दिवंगत पूर्व सदस्यों के निधन की जानकारी दी। विपक्ष के हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सरकार किसी भी समय, किसी भी विषय पर चर्चा करने के लिए तैयार है, लेकिन विपक्ष बताए कि वह किस बात के लिए प्रदर्शन कर रहा है। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस जासूसी मामले में आई खबरों का खंडन करते हुए सदन में वक्तव्य दिया और इन खबरों को भारतीय लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने का प्रयास बताया। राज्यसभा में सभापति एम वैंकया नायडू ने सबसे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल को सदन का नेता बनाए जाने की घोषणा की। इसके बाद उन्होंने दिवंगत वर्तमान सदस्य रघुनाथ महापात्र एवं राजीव सातव तथा वरिष्ठ अभिनेता दिलीप कुमार और महान धावक मिल्खा सिंह सहित 13 लोगों को पूरे सदन की ओर से श्रद्धांजलि दी। इनमें सदन के 10 पूर्व सदस्य शामिल हैं।
विपक्ष की मानसिकता महिला और दलित विरोधी : पीएम
