गुवाहाटी: राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने गुरुवार को कामरूप जिले के चानडुबी में पर्यावरण एवं वन विभाग द्वारा आयोजित अमृत पौधरोपण कार्यक्रम में भाग लिया और एक जनसभा को संबोधित किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा, जैसा कि हम धरती माता की पवित्र भूमि पर खड़े हैं, हम उनके द्वारा दिए गए प्रचुर आशीर्वादों से पुष्ट हैं। इसलिए यह प्रत्येक व्यक्ति के लिए जरूरी है कि हम अपने पोषक ग्रह की पुकार सुनें और एक पौधा लगाकर परिवर्तन के बीज बोएं। वहीं इस दौरान मुख्यमंत्री हिमंत विश्वशर्मा ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य के लोग इस साल गांधी जयंती पर 100 लाख पौधे लगाएंगे। मुख्यमंत्री ने कामरूप ग्रामीण जिले के चानडुबी में पौधारोपण कार्यक्रम 'अमरी वृक्षारोपण' में भाग लेने के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'जन आंदोलन' लाने के लिए 'मिशन लाइफÓ की घोषणा की, जो वैश्विक जलवायु कार्रवाई के इतिहास में सबसे आगे होगा।

शर्मा ने कहा कि दो अक्तूबर को 100 लाख पौधे लगाने से जलवायु परिवर्तन को कम करने और वृक्ष आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार करने में मदद मिलेगी क्योंकि राज्य सरकार प्रति पौधा लगाने के 300 रुपए देगी, जिससे वर्ष 2028 तक वन क्षेत्र में 38 प्रतिशत की वृद्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि तापमान बढ़ रहा है और मुझे राज्य में चिलचिलाती गर्मी का अनुभव करने वाले सभी लोगों से सहानुभूति है, लेकिन हमें तापमान को वातानुकूलित स्तर पर वापस लाने के लिए कदम उठाने होंगे।

उन्होंने कहा कि हमें वन क्षेत्र को बढ़ाने, जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध करें और अतिक्रमित वन भूमि को मुक्त करने के लिए कदम उठाने होंगे ताकि तापमान को उसने वातानुकूलित स्तर पर वापस लाया जा सके। शर्मा ने कहा कि राज्य में हरियाली का विस्तार करने और वृक्ष आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से निर्णय लिया गया है, जिसके लिए इस वर्ष गांधी जयंती पर एक करोड़ पौधे लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पौधा लगाने पर हम प्रत्येक व्यक्ति को कृृतज्ञता के रूप में 100 रुपए देंगे और अगर यह तीन साल तक जीवित रहता है तो बाद में 200 रुपए देंगे।

वहीं राज्यपाल ने अपने संबोधन में अमृता देवी के नेतृत्व में राजस्थान के बिश्नोई समुदाय के 363 सदस्यों का भी उल्लेख किया, जिन्होंने पेड़ों को बचाने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। राज्यपाल ने भारतीय वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बसु का उल्लेख करते हुए कहा कि डॉ. बसु ने प्रयोगों से सिद्ध किया है कि पौधों में भी अन्य जीवों की तरह सुख-दुख भोगने की क्षमता होती है। इस अवसर पर राज्यपाल की पत्नी और राज्य की प्रथम महिला अनीता कटारिया, कैबिनेट मंत्री, कई सांसद, विधायक, स्वायत्त परिषदों के मुख्य कार्यकारी सदस्य और शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।