पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से परेशान लोगों के लिए अच्छी खबर है जुलाई महीने के अंत तक दोनों के दाम अपने रिकार्ड स्तर से नीचे आ सकते हैं। हालांकि कीमतों में केवल दो से तीन रुपए की कमी ही देखने को मिल सकती है। जिसके बाद भी कई जगहों पर पेट्रोल की कीमत 100 रुपए के आसपास ही बनी रह सकती है। इन कीमतों में कमी की वजह ब्रेंट क्रूड का दाम 75 डॉलर प्रति बैरल पर स्थिर होना है, जो इस महीने की शुरुआत में 77 डॉलर प्रति बैरल के उच्च स्तर तक पहुंच गया था। पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के अनुसार, अभी तक कच्चे तेल के उत्पादन की सीमा को लेकर पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों के संगठन ओपेक और उनके सहयोगी देशों के बीच सहमति नहीं बन सकी है। ऐसे में कारोबारी बाजार में ज्यादा कच्चे तेल की आपूर्ति का अनुमान लगा रहे हैं, जिससे एक बार फिर कीमतें नीचे जा रही हैं। भारत में पेट्रोल-डीजल का मानक अंतर्राष्ट्रीय जिंस के एक समान ग्रेड के मुताबिक तय होता है। भारत की तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमत 15 दिन पहले की कीमतों के मुताबिक तय करती हैं। ऐसे में अगर अंतर्राष्ट्रीय दामों में आज गिरावट आती है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक सप्ताह के बाद गिरावट आती है। कीमतों की वृद्धि के मामले में भी इसी नियम का पालन किया जाता है। एसोसिएशन के अनुसार, भारत में पेट्रोलियम उत्पादों का खुदरा बिक्री मूल्य वैश्विक दामों के संकेतकों से जुड़ा हुआ होता है।