इन दिनों महिलाएं समाज और व्यापार के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रही हैं। वह एक ओर सफल व्यवसायी हैं तो दूसरी ओर समाज सेवा के क्षेत्र में भी अहम भूमिका निभा रही हैं। वह सदैव अपने व्यक्तित्व और कृृतित्व से समाज का भला कर रही हैं। ऐसी महिलाओं का समाज में बड़ा ही सम्मान है। कारण कि वह समाज सेवा और समाज सुधार के क्षेत्र में महती भूमिका निभा रही हैं। दूसरी ओर यह भी कहा जा सकता है कि यदि आप समाज के किसी वर्ग का जीवन स्तर सुधारना चाहते हैं तो आप सामाजिक कार्यकर्ता बनकर अपने सपने को साकार कर सकते हैं।
सोशल वर्क आज एक महत्वपूर्ण करियर बन चुका है, इसमें दूसरों की सेवा का सुख और आर्थिक लाभ दोनों हासिल होते हैं। ऐसे ही कार्यो से जुड़ी हैं बिजनी की नेहा पुरिया-जो युवा वर्ग का जीवन स्तर सुधार रही हैं। इसके साथ ही अपनी आर्थिक स्थिति को भी सुगम बना रही हैं।
पश्चिम बंगाल के रानीगंज के कपड़ा कारोबारी महेश मोदी तथा श्रीमती मंजू मोदी की बड़ी बेटी के रुप में नेहा पुरिया का जन्म 3 सितंबर 1981 को हुआ था। बताया जाता है कि बचपन से ही नटखट और सीखने की लालसा रखने वालीं नेहा पुरिया का बचपन रानीगंज में ही गुजरा। उन्होंने रानीगंज की एजी चर्च स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करते हुए दसवीं की परीक्षा पास की। उसके बाद राजघाट बेसेंट स्कूल वाराणसी से 12वीं पास करके वापस रानीगंज आ गईं और टीडीबी कॉलेज, रानीगंज से बीकॉम की परीक्षा पास की। इसके साथ ही भारत नाट्यम में डिप्लोमा का कोर्स किया। साथ ही इंटीरियर डिजाइनिंग का भी कोर्स किया। उन्होंने अपनी मां के साथ बुटीक का भी काम किया।
तीन भाई-बहनों में सबसे बड़ी और लाडली बेटी के रुप में नेहा पुरिया का लालन पालन हुआ। बावजूद इसके वह अपनी बुद्धि और काबिलियत के बलबूते अहम मुकाम हासिल करने से पीछे नहीं रहती हैं। सरल स्वभाव व मृदुभाषी नेहा पुरिया का विवाह बिजनी शहर के 1नंबर वार्ड निवासी सुपारी व्यापार से जुड़े कारोबारी श्यामसुंदर पुरिया व श्रीमती पद्मा पुरिया की एकमात्र संतान अजीत पुरिया के संग 22 जून 2003 को हो गई। अक्षय और केशव दो संतानों की मां नेहा पुरिया परिवार की बड़ी एकमात्र लाडली बहू होने के चलते वह परिवार के हर कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती हैं, जिसके परिणामस्वरूप सामाजिक कार्यक्रमों में भी बढ़-चढ़ हिस्सा लेने में तनिक भी पीछे नहीं रहती हैं। धीरे-धीरे उन्हें सामाजिक कार्यों में भी आगे बढ़ने का मौका मिला।
वह पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ सामाजिक संस्थाओं जैसे-मारवाड़ी युवा मंच सहित भिन्न-भिन्न सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। इसके अलावा आर्थिक रूप से कमजोर तबके के युवक-युवतियों तथा बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए शीतकालीन क्लास का आयोजन करके उन्हें कला और शिल्प जैसे नए रचनात्मक कौशल सिखाने सहित केक और हैम्पर्स बनाने का कोर्स भी कराती हंंै ताकि समाज के कमजोर वर्ग के युवक-युवती तथा बच्चे आत्मनिर्भर बनकर आगे बढ़ सकें।
नेहा पुरिया को बचपन से ही घूमने का शौक है। नई जगहों पर जाना, रचनात्मक लेखन, कला और शिल्प जैसे नए रचनात्मक कौशल सिखाना, केक और हैम्पर्स के लिए ऑर्डर लेना,खाना पकाने की कक्षाएं लेना और सामाजिक गतिविधियों में शामिल होकर लोगों की सेवा करना विशेष रुप से उल्लेखनीय है। वह खुद को ऑनलाइन बुटीक के काम में व्यस्त रखती हैं। वह घर की सजावट, कपड़े, गहने और अन्य वस्तुओं से संबंधित ऑफलाइन व्यवसाय भी करती हैं।