कोयम्बटूर भारत के तमिलनाडु राज्य का एक प्रमुख शहर है, जिसे कोवई और कोयमुथुर के नाम से भी जाना जाता है। यह नोय्याल नदी के तट पर स्थित है और पश्चिमी घाट से घिरा हुआ है। इसे दक्षिण भारत का मैनचेस्टर कहा जाता है। यह भारत के तेजी से विकसित हो रहे शहरों में से एक है और तमिलनाडु का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। यहां का मौसम पूरे साल खुशनुमा बना रहता है जिसके कारण कोयम्बटूर पर्यटन स्थल पर हमेशा पर्यटक घूमने के लिए आते रहते हैं।

यह अपने अनोखे मनमोहक एवं दर्शनीय स्थलों के कारण पूरी दुनिया भर में विख्यात है। दक्षिण भारत के सभी शहरों में कोयम्बटूर एक प्रसिद्ध शहर है। यहां देश के बेहतरीन झरने, जलप्रपात और मंदिर हैं। यहां के पर्यटन स्थल उत्तर भारत एवं देश के अन्य हिस्सों से काफी अलग हैं। यही कारण है कि यह शहर पर्यटकों को आकर्षित करता है। कोयंबटूर की यात्रा का सबसे अच्छा समय सितंबर और मार्च के महीनों के बीच होता है। इस मौसम में यहां का तापमान बहुत अधिक नहीं होता है और पर्यटकों को घूमने में मजा आता है।

कोयम्बटूर में घूमने की जगह : मरुधमलाई हिल मंदिर : यह मंदिर पश्चिमी घाट की उच्च भूमि में 500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मरुधमलाई मंदिर में भगवान मुरुगा मुख्य देवता हैं। इस पहाड़ी की प्रमुख विशेषता यह है कि यहां महत्वपूर्ण औषधीय जड़ी-बूटियां  पायी जाती हैं।

कोवई कोंडट्टम :  कोवई कोंडट्टम एक ईको फ्रेंडली  थीम पार्क है, जिसे तमिल अभिनेता विजय द्वारा बनवाया गया है। यहां आप एक्वा नृत्य, वेव पूल, डैशिंग कारें, पर्वतों की चढ़ाई, हारा किरि और वीडियो पार्लर का आनंद उठा सकते हैं। पार्क में जन्मदिन, शादी और वर्षगांठ मनाने की सुविधाएं भी हैं।

वैदेही फॉल्स : वैदेही जल प्रपात कोयंबटूर की सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। यह अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्ध है। आमतौर पर पर्यटक यहां छुट्टियां बिताने और पिकनिक मनाने के लिए आते हैं।

वेलिंगिरी हिल मंदिर : यह मंदिर मूल रूप से भगवान शिव को समर्पित है और वेलिंगिरी पहाड़ी पर 6000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर को सबसे अधिक विशिष्ट पूजा स्थल माना जाता है, जिसमें कोयम्बटूर और उसके आसपास के बहुत से पर्यटक आते हैं।

सिरुवानी झरना और बांध : कोयंबटूर में सिरुवानी झरना ऊंचाई से गिरने वाला यह एक अभूतपूर्व बांध और पानी का झरना है। यह इंजीनियरिंग चमत्कार का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस बांध से अलिवर, पराम्बिकुलम, निरार, शोलेयार, थुनाकादुवु के लिए बिजली उत्पादन और सिंचाई परियोजनाएं संचालित होती हैं।

बंदर झरना : सदाबहार जंगलों और चट्टानों के बीच स्थित मंकी वाटर फाल्स हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। इस झरने से बंदरों की मधुर ध्वनियां सुनाई देती है। पानी एक विशाल जलप्रपात की तरह नीचे गिरता है, यह सफेद फोम के बुलबुले बनाता है जहां यह पूल में विलीन हो जाता है।

ईशा योग केंद्र : भारत में ईशा योग आश्रम एक गैर-लाभकारी और गैर-धार्मिक केंद्र है, जो लंबे समय से दुनिया के विभिन्न हिस्सों से असंख्य लोगों को आकर्षित कर रहा है। आश्रम और योग केंद्र की स्थापना सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने की है।

अवनाशी लिंगेश्वर मंदिर : अवनाशी लिंगेश्वर मंदिर एनएच47 पर अवनाशी शहर में स्थित है। इसे अवनशियप्पार मंदिर भी कहा जाता है। 15वीं शताब्दी में बना यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और प्रसिद्ध शैव मंदिरों में से एक है।

अमरावती बांध : कोयंबटूर से 90 किलोमीटर की दूरी पर अमरावती बांध अमरावती नगर में स्थित है। यह बांध अन्नामलाई हिल्स और पलानी हिल्स से घिरा हुआ है और घाटियों का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है।

कोवई कुटरालम जलप्रपात : कोवई कुटरालम जलप्रपात सिरुवानी के दर्शनीय क्षेत्र में स्थित एक शानदार वाटर फॉल है। पानी के गिरते झरने को देखना बहुत अद्भुत होता है। कोयम्बटूर में पीने के पानी की प्रमुख आपूर्ति सिरुवानी द्वारा की जाती है। अगर कोयम्बटूर में आपने यह जलप्रपात नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा।

कोयम्बटूर कैसे पहुंचें :

वायु मार्ग : कोयम्बटूर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा शहर के केंद्र से 11 किमी दूर है। यह प्रमुख भारतीय शहरों से जुड़ा हुआ है। यहां बेंगलूरू, हैदराबाद, जयपुर, तिरुपति और विजयवाड़ा जैसे प्रमुख भारतीय शहरों से  प्रमुख एयरलाइनों द्वारा नियमित उड़ान सेवाएं प्रदान की जाती हैं। हवाई अड्डे के बाहर से आप टैक्सी या स्थानीय बस द्वारा अपने गंतव्य तक पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग : कोयंबटूर जंक्शन यहां का प्रमुख रेलवे स्टेशन है जो प्रमुख भारतीय शहरों और कस्बों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। इस रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद आप टैक्सी या बस लेकर मुख्य शहर पहुंच सकते हैं।

सड़क मार्ग : आप त्रिवेंद्रम, कोचीन  और चेन्नई जैसे शहरों बहुत आसानी से कोयम्बटूर पहुंच सकते हैं। तमिलनाडु और केरल से कोयम्बटूर के लिए राज्य परिवहन और निजी बसें चलती हैं। इसके अलावा इन राज्यों से आप वोल्वो एवं वातानुकूलित बसों से भी कोयम्बटूर पहुंच सकते हैं।