देश में कोरोना की दूसरी लहर अभी खत्म नहीं हुई है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने शुक्रवार को मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि अभी दूसरी लहर खत्म नहीं हुई है,लेकिन अच्छी बात ये है कि कोवीशील्ड और कोवैक्सीन अब तक सभी वैरिएंट के खिलाफ कारगर सिद्ध हुई हैं। डॉ.भागर्व ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट अभी 12 देशों में मौजूद हैं। देश में अब तक 11 राज्यों में इसके 50 मामलों की पहचान की गई है। डेल्टा प्लस वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन कितनी प्रभावी है, इस पर रिसर्च जारी है। डॉ.भार्गव ने बताया कि अब तक के वैरिएंट- अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा के आधार पर ही डेल्टा प्लस के लिए वैक्सीन के एफिकेसी की पहचान की जा रही है। इसके परिणाम अगले 7 से 10 दिनों में मिल जाएंगे। गर्भवती महिलाओं के वैक्सीन को लेकर किए गए सवाल पर डॉ. भार्गव ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने गाइडलाइन दी है कि गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन दी जा सकती है। गर्भवती महिलाओं में वैक्सीनेशन उपयोगी है और इसे दिया जाना चाहिए। छोटे बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर किए गए सवाल पर डॉ. भार्गव ने बताया कि यह एक बड़ा सवाल है। जब तक हमारे पास बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर अधिक डेटा नहीं होगा, हम बड़े पैमाने पर उनका टीकाकरण करने की स्थिति में नहीं होंगे। हालांकि, हमने 2-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर स्टडी शुरू कर दी है और हमारे पास सितंबर या उसके बाद के परिणाम होंगे। अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स भी अभी बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर एकमत नहीं हैं। अमरीका में भी कुछ जटिलताएं देखी गई हैं। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के डायरेक्टर डॉ. एस के सिंह ने बताया कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के मामले हमारे देश में अभी बहुत कम पाए गए हैं। भारत में दूसरी लहर के दौरान 90 प्रति. केस डेल्टा वैरिएंट के पाए गए। यानी अब यह साफ हो गया है कि डेल्टा वैरिएंट ही देश में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है। देश के 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 174 जिलों में वैरिएंट ऑफ कंसर्न की पहचान हुई है। इनमें सबसे ज्यादा महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और गुजरात में इसके सबसे ज्यादा केस मिले हैं। महाराष्ट्र देश का पहला ऐसा राज्य है, जहां 3 करोड़ वैक्सीनेशन हो चुके हैं। इस बीच शुक्रवार को राज्य के रत्नागिरी जिले में डेल्टा प्लस वैरिएंट से संक्रमित एक 80 वर्षीय महिला की मौत के बाद सरकार ने सख्ती शुरू कर दी है। एक नए आदेश के मुताबिक ठाणे और पुणे जैसे जिलों में मॉल सहित अन्य सार्वजिक जगहों को खोलने का निर्णय कुछ दिनों के लिए टाल दिया गया है। साथ ही अन्य दुकानें और सार्वजनिक दफ्तर शाम 4 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे। राज्य में अब तक डेल्टा+ के 21 मामले सामने आए हैं। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान 776 डॉक्टरों ने दम तोड़ दिया।