पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल का केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना लगभग तय माना जा रहा है और वे बहुत जल्द मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल होने जा रहे हैं। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार डा.हिमंत विश्वशर्मा को मुख्यमंत्री बनाने के बाद से उनके कुछ समर्थकों को लग रहा था कि छह महीने के बाद वे फिर से असम के मुख्यमंत्री बन सकते हैं, लेकिन असम समेत पूर्वोत्तर की राजनीति में अपना दबदबा रखने वाले हिमंत विश्वशर्मा की राजनीति के आगे पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल की सारी नीतियां परास्त हो गई। हिमंत के मुख्यमंत्री बनने के बाद सोनोवाल के लिए दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दिलाने का बात की ताकि उन्हें भी एक सम्मानजनक पद मिले। भाजपा के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार सोनोवाल के कद को ध्यान में रखकर पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अब मंत्रिमंडल में शामिल करने का मन बना रहा है। सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर सोनोवाल छह दिन से दिल्ली में हैं, लेकिन अभी तक उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से नहीं हुई है। माना जा रहा है कि केंद्र के ये दोनों नेता काफी व्यस्त होने के कारण असम के पूर्व मुख्यमंत्री सोनोवाल को मिलने का समय नहीं दे पा रहे हैं। जिसके कारण सोनोवाल समेत उनके समर्थकों को अभी भी ऐसा महसूस हो रहा है कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी जाएगी या नहीं। पार्टी सूत्रों की मानें तो भाजपा के केंद्रीय नेता केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री रामेश्वर तेली को मंत्री पद की जगह प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं,क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष रंजीत कुमार दास असम सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल है जिसके कारण वे इस पद से मुक्त होना चाहते हैं।