गुवाहाटी: कांग्रेस विधायकों ने अपने नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में काले कपड़े पहनकर और हाथों में तख्तियां लेकर बुधवार को अपने विधायक आवास से असम विधानसभा तक मार्च किया। विधानसभा का बजट सत्र सप्ताह भर के अवकाश के बाद बुधवार को सुबह फिर से शुरू हुआ। कांग्रेस के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया के सरकारी आवास से विधानसभा भवन के द्वार तक मार्च किया। विधायक आवास दिसपुर स्थित विधानसभा परिसर के साथ ही कुछ दूरी पर हैं। असम विधानसभा परिसर के भीतर सदन में नेता प्रतिपक्ष देवब्रत सैकिया ने मीडिया से कहा कि हमने अपने नेता राहुल गांधी के साथ हुए अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक व्यवहार का विरोध किया।
यह लोकतंत्र की हत्या है और हम इसे स्वीकार नहीं कर सकते। सैकिया ने कहा कि पार्टी सदन के अंदर चर्चा की मांग की प्रश्नकाल के बाद की थी, लेकिन उनके प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि सदन के अंदर और बाहर कांग्रेस विधायकों ने हाथ में तख्तियां ले रखीं थी, जिसपर असमिया और अंग्रेजी भाषा में लिखा था, हम राहुल गांधी के साथ हैं' लोकतंत्र की हत्या अस्वीकार्य राहुल गांधी जिंदाबाद, लोकतंत्र बचाओ' 'तानाशाही नहीं चलेगी'। मालूम हो कि मार्च के बाद काले कपड़े पहने कांग्रेस विधायक सदन में पहुंचे।
वहीं सत्तापक्ष के विधायकों ने कहा कि राहुल गांधी ओबीसी समुदाय को अपमानित किया है। कांग्रेस विधायकों का यह राजनीतिक ड्रामा है। कोर्ट का फैसला सही है। उल्लेखनीय है कि सत्तारूढ के विधायकों ने भी मीडिया के सामने विभिन्न प्रकार बयान देकर कांग्रेस पर पलटवार किया। उल्लेखनीय है कि गांधी को पिछले सप्ताह 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इससे गांधी (52) के आठ साल तक चुनाव लडऩे पर रोक रहेगी, जब तक कि कोई उच्च न्यायालय उनकी दोषसिद्धि और सजा पर रोक नहीं लगा देता। सूरत की अदालत ने गत बृहस्पतिवार को मानहानि के एक मामले में गांधी को दो साल की जेल की सजा सुनाई थी।