जागीरोड: पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मायंग के विज्ञान तंत्र योग और मंत्र जोक के पुरातन सांस्कृतिक विश्व पर्यटन के मानचित्र पर एक मर्यादा संपन्न स्थान में अधिकृत कराने के उद्देश्य से अक्टूबर में इंद्रजाल शीर्षक से एक जादू महोत्सव की तैयारी मोरीगांव जिला प्रशासन के सौजन्य और स्थानीय लोगों के सहयोग से करने को लेकर सार्वजनिक सभा का आयोजन मायंग आंचलिक महाविद्यालय प्रांगण में किया गया। बैठक की अध्यक्षता डॉ. उत्पल नाथ, संस्थापक सचिव, मायंग ग्रामीण संग्रहालय और अनुसंधान केंद्र ने की। मोरीगांव जिले के जिला उपायुक्त देवाशीष शर्मा ने इंद्रजाल उत्सव के आयोजन के पीछे के उद्देश्यों के बारे में लोगों को बताया।
उन्होंने ऐसे कार्यक्रम से संबंधित क्षेत्रों की पर्यटन अर्थव्यवस्था पर इन त्योहारों के सकारात्मक प्रभाव के बारे में बताया। उन्होंने संभावना व्यक्त की कि यह भारत में, शायद दुनिया में पहला जादू-केंद्रित त्योहार हो सकता है और यदि त्योहार सफलतापूर्वक मनाया जा सकता है, तो यह मायंग में पर्यटन क्षेत्र के आशाजनक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा। बैठक में मायंग क्षेत्रीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. महानंदा बोरा, पूर्व प्राचार्य डॉ. फणि भूषण नाथ, मायंग क्षेत्रीय विकास समिति के अध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार भुइयां, पूर्व प्रधानाध्यापक व प्रमुख समाजसेवी हरिप्रसाद बोरा, सहायक अध्यापक डॉ. उत्पल नाथ, शिक्षक कमल चंद्र नाथ, पत्रकार नजरुल इस्लाम आदि ने अपने विचार दिए।
बैठक में मायंग देवराजा तरनी कांत सिंह , असम उन्नति सभा के सचिव अतनु शर्मा, मोरीगांव जिला छात्र सभा के अध्यक्ष दीपुल कुमार नाथ, मोरीगांव जिला साहित्य सभा के उपाध्यक्ष मिहिर हजारिका, योग प्रज्ञा, असम के अध्यक्ष डॉ. आनंद बुढ़ागोहाईं , मायंग आंचलिक छात्र संस्था के सलाहकार राजा मणि नाथ, शिव ज्योति नाथ, संपादक प्रद्युत बरदलै, विशिष्ट समाजसेवी तिलक हजारिका, बुद्धेश्वर नाथ, रामचंद्र सैकिया, मुकुट विषया,पितसिंह कुंवर, भूपेन कुमार नाथ, विपुल डेका,पुलेन रंहांग, वीरेश्वर केलेंग के साथही क्षेत्र के सैकड़ों विशिष्ट लोग उपस्थित थे।