शिक्षक का समाज में महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य के साथ समाज सेवा में भी खुद को समर्पित कर दें, तो समाज का कल्याण निश्चित है। इस पथ पर गुवाहाटी के एक शिक्षक समीर ठाकुर चल रहे हैं। गुवाहाटी वालों के समीर सर! इस महामारी में अधिकतम समय समाज के एक ऐसे तबके के सेवा में बिताते हैं जो इस वक्त अपने लिए  रोटी का इंतजाम करने में असमर्थ हैं। समीर ठाकुर बेहद मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं। इनका बचपन काफी अभाव और संघर्ष में बीता है। पिता के देहांत के पश्चात 18 वर्ष की आयु में ही इनके जीवन में भूकंप सा आ जाता है। बड़ा परिवार था और आर्थिक तंगी तो थी ही, साथ ही बहन की शादी का खर्च भी सताये जा रहा था। परंतु ये अपने पिता से प्रेरित होकर कभी हारना नहीं सीखें। पढ़ाई में शुरू से ही मेहनती, तेज, लगन शील समीर ठाकुर अपने पढ़ाई के साथ-साथ कॉमर्स के विद्यार्थियों  को ट्यूशन भी पढ़ाने लगे। यह संघर्ष जारी रहा। इन्हें कुछ वर्ष काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। लेकिन कहते हैं ना कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। 2007 में पांच विद्यार्थियों को पढ़ाना शुरू किए थे। श्री ठाकुर के मेहनत लगन और दोस्त की तरह पढ़ाने का तरीका विद्यार्थियों को भाने लगा। वर्ष 2012 में इनके  कोचिंग एस. सी. सी. सी. से एक विद्यार्थी कक्षा बारहवीं में पूरे असम राज्य में द्वितीय स्थान प्राप्त की। उसके बाद यह सिलसिला आज तक जारी है। समीर ठाकुर कहते हैं। "मैं आज जो भी हूं अपने माता-पिता के आशीर्वाद से हूं"। अपने आमदनी के 30 से 40 प्रतिशत माता-पिता के नाम से समाज सेवा में लगा देते हैं। इस वैश्विक महामारी में भी इनका योगदान सराहनीय है। मिथिला यूथ सामाजिक संस्था का गठन कर  प्रतिदिन सड़क किनारे बैठे भूखे लोगों तक खाना नाश्ता पहुंचाने का कार्य करते हैं। इतना ही नहीं असम सरकार के सहयोग से हैप्पीनेस फाउंडेशन के साथ मिलकर वे और उनके जुनूनी वॉलिंटियर्स जगह-जगह शिविर लगाकर निचले तबके के लोगों को जागरूक कर बिना कागजात के टीका लगाने का कार्य करते हैं। इनका उद्देश्य ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण कर  सरकार की सहयोग करना है। हम सब को इनसे व समाज के इनके जैसे लोगों से प्रेरित होने की आवश्यकता है।मैथिलीशरण गुप्त की एक कविता की पंक्तियां याद आती है।

"अहा! वही उदार है परोपकार जो करें

वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे"

नितेश झा 'निक्की'

 गुवाहाटी, असम