कोरोना वायरस के दुनियाभर में फैले संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ टीकाकरण को ही सबसे प्रभावी उपाय मान रहे हैं। हालांकि कोरोना वायरस में म्यूटेशन और सामने आ रहे नए स्ट्रेनों ने सभी की चिंता बढ़ा दी है। हाल ही में कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के बारे में वैज्ञानिकों ने बताया जो म्यूटेशन के साथ और प्रभावी होकर डेल्टा प्लस वेरिएंट का रूप ले चुका है। इससे लोगों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है? स्वास्थ्य संगठनों में यह लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच डब्ल्यूएचओ के महामारी विज्ञानी के हालिया बयान ने लोगों की चिंता को और बढ़ा दिया है। उन्होंने बताया, कोरोना के डेल्टा वेरिएंट्स पर कोविड वैक्सीन की प्रभाविकता बहुत ज्यादा नहीं देखी जा रही है। कोरोना का यह वेरिएंट हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है। कुछ अध्ययनों में पाया गया है कि वैक्सीन इस वेरिएंट के खिलाफ कम प्रभावी हो सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के महामारी विज्ञानी के इस बयान ने वायरस से लोगों में डर को और बढ़ा दिया है। ज्ञात हो कि भारत में दूसरी लहर के दौरान देखी गई तबाही के पीछे इसी वेरिएंट को मुख्य कारण माना जा रहा है। हालिया रिपोर्ट के मुताबिक डेल्टा वेरिएंट में म्यूटेशन के साथ अब यह डेल्टा प्लस में बदल गया है, जिसका असर और भी गंभीर हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के महामारी विज्ञानी ने बताया, कुछ अध्ययनों में कोरोनावायरस के डेल्टा वेरिएंट्स पर वैक्सीन को थोड़ा कम प्रभावी पाया गया है, बावजूद इसके सभी लोगों के लिए टीकाकरण कराना बेहद आवश्यक है। डब्ल्यूएच के अधिकारी ने बताया कि वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहा है और इसके आगे भी जारी रहने के संकेत मिल रहे हैं। इसके चलते वैक्सीन का असर कम हो सकता है। कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक डेल्टा वेरिएंट को हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ के रूप में सूचीबद्ध किया है। हालिया रिपोर्टस के मुताबिक ब्रिटेन में इस वेरिएंट का गंभीर असर देखा जा रहा है, जहां एक बार फिर से रोजना 10 हजार से अधिक मामले आने लगे हैं। दुनिया के कई अन्य देशों में भी डेल्टा वायरस के कारण स्थिति बिगड़ने की खबरे हैं। डब्ल्यूएचओ के महामारी विशेषज्ञ के बयान से बढ़ी चिंताओं के बीच स्पुतनिक-वी वैक्सीन निर्माताओं के दावे ने थोड़ी सुकून जरूर दी है।
बेहद संक्रामक है डेल्टा प्लस वेरिएंट वैक्सीन भी हो सकती है बेअसर!
