सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एएम खान विलकर और दिनेश माहेश्वरी की खंडपीठ ने मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान राज्यिक बोर्ड के अधीन आयोजित होने वाली परीक्षाओं का मूल्यांकन सीबीएसई और आइसीएसई के मॉडल के आधार पर करने को कहा। उल्लेखनीय है कि देशभर में कोविड-19 संक्रमण के कारण सीबीएसई तथा आईसीएसई ने दसवीं तथा बारहवीं की परीक्षाएं रद्द कर दी थी। उसके बदले परीक्षार्थियों के लिए विकल्प मूल्यांकन के द्वारा परीक्षाफल घोषित करने का निर्णय लिया गया था। उक्त निर्णय के खिलाफ कुछ परीक्षार्थी तथा अभिभावकों ने सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया था। इसी आवेदन की सुनवाई में न्यायपीठ ने आदेश दिया कि सीबीएसई तथा आईसीएसई ने जो मूल्यांकन पद्धति अपनाया है वह स्वस्थ और युक्ति संगत है, उस पर वितर्क की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की आदेश के बाद असम की मैट्रिक, हाइ मदरसा और उच्चतर माध्यमिक की फाइनल परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए सरकार की ओर से गठित दोनों विशेषज्ञ समिति मंगलवार को सेबा और परिषद के कार्यालयों में बैठक की गई और उक्त परीक्षाओं के मूल्यांकन भी इसी आधार पर करने का निर्णय लिया गया।