कलियाबर/ग्वालपाड़ाः असम पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा ने अलग-अलग अभियान चलाकर आज नगांव जिले के कलियाबर और ग्वालपाड़ा जिले के माटिया से दो सरकारी नौकरशाहों को धर दबोचा। इसमें से भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने ग्वालपाड़ा के माटिया प्रखंड प्राथमिक शिक्षा अधिकारी बजलूल बासिक को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। माटिया शिक्षा प्रखंड के अंतर्गत कोयलाकांति प्राइमरी स्कूल के शिक्षक दीवान रफीक अहमद से रिश्वत लेते समय भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया। शिक्षा अधिकारी ने कोयलाकांति प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक दीवान रफीक अहमद से ऋण आवेदन पर हस्ताक्षर करने के लिए 1000 रुपए की रिश्वत की मांग की थी।
इसपर हताशा में पड़कर शिक्षक हताश ने पर्यवेक्षण और भ्रष्टाचार निरोधक शाखा से शिकायत की। इसपर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम ने शिक्षक को सलाह पर 1,000 रुपएका भुगतान करने की सलाह की। इसके तहत शिक्षक ने अधिकारी को एक हजार रुपए दिया और अधिकारी को छापेमारी दल ने गिरफ्तार कर लिया। नौ सदस्यीय टीम दोपहर 1.30 बजे कार्यालय में दाखिल हुई और शाम 4.30 बजे गिरफ्तार अधिकारी को लेकर गुवाहाटी के लिए रवाना हो गई। अधिकारी पर लंबे समय से रिश्वत लेने के आरोप लगते रहे हैं। इससे पहले अधिकारी के रिश्वत मांगने के वीडियो वायरल हुए थे।
दूसरा अभियान नगांव जिले के कलियाबर में चलाया गया। कलियाबर राजशाही सर्कल के तहत बरभगिया मौजा के चौथे लाट मंडल प्रांजल बोरा को अभियानकारी टीम ने रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। सर्कल के लाट मंडल प्रांजल बोरा ने जमीन की खरीद और बिक्री के लिए एक शख्स से अग्रिम के रूप में 3,000 रुपए की मांग की। गिरफ्तार कर्मचारी ने जनता से कहा कि वे हर काम के लिए सर्कल अधिकारी को 500 रुपए देना पड़ता है। सर्कल अधिकारी को रिश्वत न देने से आम जनता को बार-बार, महीने-दर-महीने कार्यालय में आना पड़ता है और वे थके जाते हैं। गिरफ्तार लाट मंडल ने कहा कि जड़ ठीक होने पर ही निचले कर्मचारी ठीक होंगे।