मरियानी : असम चाय जनजाति महिला समिति (आटुवा) का 34वां स्थापना दिवस तिनसुकिया जिले के उन्नयन प्राधिकरण सांस्कृतिक केंद्र में हाल ही में एक दिवसीय कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ। असम चाय जनजाति छात्र संस्था की तिनसुकिया जिला समिति और असम चाय जनजाति महिला समिति की तिनसुकिया समिति के आतिथ्य में आयोजित इस स्थापना दिवस कार्यक्रम का आट्सा केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष दिगंत साहू तासा और आटुवा केंद्रीय अध्यक्षा मिसिमी धान ने ध्वजारोहण करके शुभारंभ किया। साथ ही स्मृति तर्पण आटुवा केंद्रीय महासचिव ज्योति कुशल दास ने और संयुक्त सचिव प्रिया साहू ने किया। इसके बाद आटुवा की अध्यक्ष मिसिमी धान की अध्यक्षता में आयोजित आम सभा में मुख्य अतिथि के तौर पर विशिष्ट पत्रकार नितुमनी सैकिया ने हिस्सा लिया।
उन्होंने चाय श्रमिक महिलाओं की विभिन्न समस्याओं के बारे में उल्लेख करने के साथ ही इन समस्याओं के समाधान पर बल दिया। सभा में आटसा के पूर्व नेता व वर्तमान केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री रामेश्वर तेली, पूर्व आट्सा नेता तथा राज्य के श्रम और चाय जनजाति कल्याण मंत्री संजय किसान, जोरहाट राज्य सभा क्षेत्र के सांसद कामाख्या प्रसाद तासा, पूर्व विधायक दूर्गा भूमिज, विशिष्ट संगीत कलाकार पद्मश्री दुलाल मानकी, असम राज्यिक महिला आयोग की अध्यक्षा हेमप्रभा बरठाकुर, डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के असमिया विभाग के प्राध्यापक पल्लवी बुजरबरुवा के अलावा कई विशिष्ट व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। आम सभा में आट्सा केंद्रीय अध्यक्ष तथा आटुवा के सलाहकार धीराज ग्वाला और महासचिव जगदीश बराइक उपस्थित रहे।
आटुवा के महासचिव ज्योति कुशल दास ने उद्घाटन भाषण और स्वागत भाषण स्वागत समिति के अध्यक्ष राहिल किसान ने पेश किया। उक्त सभा में आठ मार्च को विश्व नारी दिवस के दिन चाय बागानों की महिला श्रमिकों को सम्मान प्रदान कर बागान की महिलाओं के काम से छुट्टी देने की मांग करने का निर्णय लिया गया। उक्त मांग पत्र राज्य सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय किसान को प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इधर इस स्थापना दिवस के साथ सामंजस्य रख अदिति तांती और पूर्णिमा माहाली के संयुक्त संपादन में प्रकाशित स्मृति ग्रंथ मुक्तकेशी का विमोचन चाय जनगोष्ठी साहित्य सभा के अध्यक्ष संजय कुमार तांती ने किया। आटुवा के केंद्रीय सचिव ज्योति कुशल दास ने इसकी जानकारी दी है।