2021 में आयोजित होने वाले मैट्रिक तथा एचएस परीक्षा की संभावना फिर अनिश्चित हो गई है। बुधवार को जनता भवन में आयोजित कैबिनेट बैठक के फैसले के अनुसार राज्य की वर्तमान परिस्थिति पारंपरिक रूप में मैट्रिक, हाई मदरसा तथा एचएस की परीक्षाएं आयोजित करने के अनुकूल नहीं है। कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले के अनुसार आगामी 18 जून को शिक्षा विभाग के साथ विभिन्न दल-संगठनों की बैठक होगी और तभी अंतिम निर्णय लिया जाएगा। कैबिनेट का फैसला सार्वजनिक करते हुए स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत ने कहा कि मैट्रिक और हाई मदरसा की परीक्षार्थी कुल 4 लाख 40 हजार हैं। इसी तरह एचएस की कुल परीक्षार्थी 2 लाख 50 हजार हैं। इस प्रकार कुल परीक्षाथियों की संख्या 7 लाख है। अगर इन परीक्षाथियों के साथ परीक्षा केंद्र में एक-एक अभिभावक आते हैं तो कुल संख्या होगी 14 लाख। इन लोगों के साथ परीक्षा निरीक्षक, अन्य शिक्षक, परिदर्शक और यातायात व्यवस्था से जुड़े लोग भी होंगे। इसलिए ऑफलाइन प्रक्रिया में परीक्षा आयोजित करने पर परिस्थिति अधिक भयावह होगी। स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में कुल 14.8 प्रतिशत कोविड पॉजिटिव 18 साल के नीचे की उम्र के हैं। अगर परीक्षाएं आयोजित की जाएं तो पॉजिटिविटी दर बढ़ने की आशका रहेगी, परंतु उन्होंने यह भी कहा कि आज की कैबिनेट बैठक में परीक्षा रद्द करने का कोई फैसला नहीं लिया गया। सरकार सेबा तथा शिक्षा संसद तथा विभिन्न दल-संगठनों तथा विशिष्ट व्यक्तियों के साथ आगामी 18 जून को एक बैठक कर इस संदर्भ में विचार-विमर्श करेगी और इसके बाद अंतिम फैसला लेगी। इस संदर्भ में शिक्षामंत्री डॉ. रनोज पेगु ने मीडिया से कहा कि मैट्रिक और एचएस की फाइनल परीक्षाएं आयोजित करने के संबंध में स्वास्थ्य विभाग को रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया था। इस निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग ने सरकार को जो रिपोर्ट दी, उसके अनुसार उक्त परीक्षाएं आयोजित करना संभव नहीं है, परंतु यह निर्णय अंतिम नहीं है और आगामी 18 जून को एक बैठक में इस संदर्भ में विचार-विमर्श करने के बाद सरकार अंतिम फैसला लेगी। उल्लेखनीय है कि इसी बीच मंगलवार को राज्य के 4,500 परीक्षार्थियों ने उक्त परीक्षाओं को रद्द करने के लिए देश के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र प्रेषित किया है।
कोरोना की स्थिति परीक्षा के लिए अनुकूल नहीं : असम कैबिनेट
