उत्तराखण्ड में इस समय केवल गंगोत्री विधानसभा सीट रिक्त है जो कि 23 अप्रैल को भाजपा के गोपाल सिंह रावत के निधन के कारण रिक्त हुई है। विधानसभा का कार्यकाल 23 मार्च 2022 को पूरा हो जाएगा। इधर, संविधान के अनुच्छेद 164 (4) के प्रावधानों का लाभ उठाते हुए ममता बनर्जी गत 5 मई को बिना चुनाव जीते ही मुख्यमंत्री तो बन गईं, मगर इसी अनुच्छेद की इसी उपधारा में यह प्रावधान भी है कि अगर निरंतर 6 माह के अंदर गैर सदस्य मंत्री विधायिका की सदस्यता ग्रहण नहीं कर पाए तो उस अवधि के बाद वह मंत्री नहीं रह पाएगा। यही प्रावधान अनुच्छेद 75(5) में केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए भी है। ममता बनर्जी ने राज्य विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल कर तीसरी बार राज्य की सत्ता तो हासिल कर ली, मगर नंदीग्राम से उनकी हार अब भी उनका पीछा नहीं छोड़ रही है। अगर उन्हें 4 नवंबर तक विधानसभा की सदस्यता नहीं मिली तो उन्हें मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी, जिसके आसार निर्वाचन आयोग की कोरोना महामारी के टलने तक उपचुनाव टालने की घोषणा से साफ नजर आ रहे हैं। उपचुनाव के लिए स्थिति अनुकूल हुई या नहीं, इसका फैसला भी केंद्र सरकार के हाथ में है और केंद्र सरकार तथा ममता के बीच छिड़े तुमुल संग्राम में फिलहाल युद्धविराम के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे। ममता की ही तरह उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत का भविष्य भी अधर में लटक गया है। तीरथ सिंह रावत को भी 10 सितंबर तक विधानसभा की सदस्यता ग्रहण करनी है, जो कि समयाभाव के चलते कठिन लग रहा है। तीरथ सिंह के लिए अतिरिक्त संकट यह भी है कि विधानसभा चुनाव के लिए एक साल से कम समय रह गया है और ऐसी स्थिति में कोई सीट खाली भी हो जाए तो भी उस पर उपचुनाव नहीं हो पाएगा, इसलिए राज्य में नेतृत्व परिवर्तन या फिर राष्ट्रपति शासन का ही विकल्प बच सकता है। हालांकि मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा ने समाचार ऐजेंसी को दिए गए इंटरव्यू में दावा किया था कि आयोग का कोरोना महामारी के दौरान चुनाव कराने का अनुभव है इसलिए अगले पंजाब, उत्तराखण्ड, गोवा, उत्तर प्रदेश, हिमाचल और मणिपुर में विधानसभा चुनाव कराने में कोई दिक्कत नहीं होगी मगर अयोग की 5 मई को जारी विज्ञप्ति में सीधे-सीधे कोराना महामारी का संकट टलने तक उप चुनाव टालने की स्पष्ट घोषणा भी की गई है। इस घोषणानुसार आयोग ने 16 मई को प्रस्तावित पश्चिम बंगाल की जंगीपुर और शमशेरगढ़ सीटों पर चुनाव स्थगित कर दिए थे।