नागौर में बुधवार को हुई किसान महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों को आंदोलन करने पड़ेंगे। गांव-गांव में कमेटियां बनानी पड़ेंगी। यह आंदोलन तब सफल होगा। अगर प्रशासन धारा 144 लगाती है तो किसान संगठन 288 धारा साथ ही लगा देती है। आपके ट्रैक्टर रोक दिए। आपकी पार्किंग 2 किलोमीटर दूर है। जब तक आप बैरिकेडिंग तोड़कर आगे नहीं बढ़ोगे, दिल्ली तक आंदोलन नहीं कर सकते। अगर पता चल जाए कि शहर में बैरिकेडिंग है तो किसान में चार गुना ताकत आनी चाहिए। अगला जो आंदोलन होगा उसमें कहीं बैरिकेडिंग नहीं होनी चाहिए। ये बैरिकेडिंग तोड़ना सीख लो। टिकैत ने कहा कि ट्रैक्टर किसान का टैंक है। ये आंदोलन कार से नहीं होते। एक गांव, एक ट्रैक्टर, 15 आदमी और 10 दिन ये संगठन का फार्मूला है। 10 दिन बाद 15 लोग फिर बदल दो। उन्होंने कहा कि आपको बर्बाद करने के लिए कानून बन रहे हैं। आपके यहां पर डीजल से चलने वाला पंपिंग सेट भी नहीं चलेगा। ये कानून दिल्ली में बन गया है। अगर इस कानून से किसान हारेगा तो मजदूर भी हारेगा। भीमराव अंबेडकर और संविधान हारेगा। रोटी तिजोरी में बंद होगी। व्यापारियों और बड़ी कंपनियों के ताले लगेंगे। भूख के आधार पर देश में कीमतें तय होगी। टिकैत ने कहा कि नागौर से बैलों से हमारा रिश्ता रहा है। पांच साल पहले छोटा भाई यहां से बैल लेकर गया था। टिकैत ने कहा कि आंदोलन कितना लंबा चलेगा पता नहीं। टिकरी बॉर्डर पर अभी भी 15 हजार ट्रैक्टर हैं। ये लोग कहते हैं कि आंदोलन खत्म हो गया। किसान ने वहीं पर पेड़ के नीचे अपनी झोपड़ी डाल ली है। किसान कहीं नहीं गया। ये कह रहे हैं कि किसान बिजली चोरी कर रहे हैं। हमने कहा कि बिजली कनेक्शन दे दो। एडवांस में पैसे ले लो। हमें जयपुर दिल्ली हाइवे पर कभी कामयाबी नहीं मिली थी। अब की बार मिली। इस बार हमें आगरा से दिल्ली वाले रास्ते पर कामयाबी मिली। हमने दिल्ली को घेरकर रखा है।
अगला जो आंदोलन होगा उसमें कहीं बैरिकेडिंग नहीं होनी चाहिए : टिकैत
