गुवाहाटीः हम सभी जानते हैं कि अच्छी सेहत का आधार अच्छा आहार ही है। पत्तेदार हरी साग-सब्जियां, तेल, घी-पनीर और तरह-तरह के मसालों से बनी चीजें बेशक आपको लुभाती हों, लेकिन कुछ भी खाने से पहले जांच-परख जरूर कर लें। क्योंकि सब्जियों-फलों को पकाने और चमकाने के साथ उनका साइज बढ़ाने के लिए केमिकल डाले जाते हैं ताकि मोटा मुनाफा कमाया जा सके।

इसी मामले को लेकर हाई कोर्ट में विशेषज्ञों ने एक रिपोर्ट पेश की है। विशेषज्ञ समिति द्वारा कोर्ट में पेश की गई 1,200 पेज की रिपोर्ट में साग-सब्जी सहित अन्य विभिन्न खाद्य सामग्री में जहरीले रासायनिकों के इस्तेमाल करने की बात सामने आई है। उल्लेखनीय है कि गुवाहाटी हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आल इंडिया नेटवर्क, प्रोजेक्ट ऑन पेस्टिसाइड रेसिड्यूस के नेटवर्क की कॉर्डिनेटर डॉ. बंदना त्रिपाठी के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया था।

उक्त समिति ने शिवसागर, शोणितपुर, गोलाघाट में चावल, ब्लैक टी, ग्रीन टी, कच्ची चायपत्ती, साग-सब्जी, पानी आदि का सेंपल लेकर जांच की। उक्त रिपोर्ट के अनुसार साग-सब्जी में आवश्यकता से अधिक रासायनिक पदार्थ मिलने की जानकारी सामने आई। वहीं ब्लैक टी में आर्सेनिक मिलाने की जानकारी मिली है। हाईकोर्ट ने फिलहाल इन सामग्रियों से होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में एक रिपोर्ट पेश करने हेतु स्वास्थ्य विभाग को एक कमेटी का गठन करने का निर्देश दिया है।