राज्य सरकार की ओर से माइक्रोफाइनेंस के ऋण की माफी को लेकर बनाई गई उच्च स्तरीय कमेटी के अध्यक्ष तथा मंत्री अशोक सिंघल ने शुक्रवार को दिसपुर स्थित जनता भवन में माइक्रोफाइनेंस के ऋण की माफी को लेकर सि्ेथति साफ की और बताया कि किसकी ऋण माफ की जा सकेगी। उक्त मौके पर मंत्री सिंघल ने बताया कि सरकार सबकी माइक्रोफाइनेंस की ऋण माफ नहीं कर सकती है। सरकार सिर्फ गांव के गरीब और रोजगार करने वाली महिलाओं का ऋण ही माफ करेगी। मंत्री ने यह भी बताया कि जिन लोगों ने रिजर्व बैंक की नीति का उल्लंघन करके माइक्रोफाइनेंस का ऋण लिया है उन्हें ऋण की माफी नहीं मिलेगी। जिन परिवारों का वार्षिक आय एक लाख रुपए से ज्यादा है उन्हें भी ऋण की माफी नहीं मिल सकेगी। इसके साथ ही जिसके घर में एक भी आयकरदाता हैं, अगर घर में एक से अधिक लोगों ने ऋण लिया, जिसके घर में चारपहिया वाहन है उनका ऋण भी माफ नहीं किया जाएगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के अनुसार माइक्रोफाइनेंस का ऋण एक लाख से अधिक नहीं हो सकता। इसके साथ ही ऋण चुकाने की मियाद 24 महीने से कम नहीं हो सकेगा। ऋण में लिए मूल धन का ब्याज अधिक नहीं होगा। माइक्रोफाइनंस के ऋण पर व्याज दर सार्वजनिक क्षेत्र के पांच बैंकों के बेस रेट 2.75 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकेगा। मूलधन और ब्याज के अलावा अन्य कोई देनदारी नहीं होनी चाहिए। एक महिला दो से अधिक माइक्रोफाइनेंस कंपनी से ऋण नहीं ले सकेगी। सरकार सिर्फ 2020 के 31 दिसंबर तक लिए गए ऋण को माफ करेगी। इसके साथ ही 2020 के 31 दिसंबर तक एनपीए होने वाले ऋण का दायित्व भी सरकार नहीं लेगी।
राज्य सरकार ने माइक्रोफाइनेंस की कर्ज माफी के लिए रखी कठिन शर्तें
