असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से  संघ मुख्यालय में भेंट की। महज एक महीने पहले असम का मुख्यमंत्री बनने के बाद डॉ. शर्मा का आरएसएस मुख्यालय का यह पहला दौरा है, जो राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। संघ के सूत्रों ने बताया कि डॉ. शर्मा ने संघ मुख्यालय में एक घंटे से अधिक समय बिताया और भागवत से मिले। सूत्रों ने बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी। दूसरी ओर अभी तक मुख्यमंत्री ने भी इस बैठक के बारे में मीडिया के सामने कुछ व्यक्त नहीं किया, परंतु मुख्यमंत्री कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार आरएसएस प्रमुख को असम मंत्रिमंडल के पहले महीने के कामकाज की जानकारी देना इस बैठक का मूल उद्देश्य है। मालूम हो कि बीते कल बृहस्पतिवार की शाम  3.40 बजे एयर इंडिया के विमान से मुख्यमंत्री सपत्नी दिल्ली के लिए रवाना हुए। उस रात वे दिल्ली में बिताने के बाद शुक्रवार की सुबह नागपुर के लिए रवाना हो गए। दोपहर को मुख्यमंत्री अपनी पत्नी रिणिकी भूइयां सहित आरएसएस मुख्यालय पहुंचे और संघ प्रमुख से मुलाकात की। उल्लेखनीय है कि पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल की अपेक्षा वर्तमान मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा आरएसएस से संपर्क बनाने  को अधिक महत्व दे रहे हैं। मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के दिन भी मुख्यमंत्री गुवाहाटी स्थित आरएसएस कार्यालय केशवधाम में संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी। दूसरी ओर विधानसभा चुनाव के दौरान हिमंत ने पूरे चुनावी अभियान को हिंदुत्व के एजेंडे  को  ध्यान में रखकर चलाया और भाजपा को चुनावी कामयाबी भी  दिलाई। दूसरी ओर सरकार बनने के बाद गौ संरक्षण के विधेयक लाने और एनआरसी को लेकर जो फैसले लिए गए, वे सब संघ के अनुकूल है। दूसरी ओर मंदिरों और सत्रों की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने का फैसला भी संघ की नीति के अनुकूल है।  ऐसे में मुख्यमंत्री का संघ प्रमुख से मुलाकात  खुद को संघ के और करीब लाने का है। माना जा रहा है कि आजादी के बाद असम में हिमंत विश्वशर्मा के नेतृत्व में ऐसी सरकार बनी है, जो संघ के सिद्धांतों के अनुकूल कार्य कर रही है। ऐसे में इस सरकार को संघ का संपूर्ण समर्थन मिलना स्वभाविक है।