गुवाहाटी : राष्ट्रीय परशुराम परिषद के तत्वावधान में उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, असम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, बंगाल, तमिलनाडु तथा आयरलैंड व फ्रांस आदि सहित देश-विदेश से 106 सदस्यों के दल ने भगवान श्री परशुराम कुंड तीर्थ की यात्रा की। परिषद के राष्ट्रीय सह-संयोजक व तीर्थयात्रा संयोजक मुकेश भार्गवा ने बताया कि दिल्ली प्रदेश की अध्यक्ष, परशुराम शक्ति वाहिनी व यात्रा सह-संयोजक डॉक्टर अनीता पांडे की अगुवाई में विदेश एवं विभिन्न राज्यों से आए लोगों ने परशुराम कुंड तीर्थ पहुंचकर दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। ऐसे रमणीय तीर्थ स्थली पर आने से  विद्या, पराक्रम, बल-बुद्धि  व पराक्रम आदि मिलता है।

यात्रा दल के गुवाहाटी पहुंचने के उपरांत  प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों में से पंडित सुनील भराला, निवर्तमान अध्यक्ष/राज्यमंत्री श्रम कल्याण परिषद उत्तर प्रदेश व संस्थापक/संरक्षक राष्ट्रीय परशुराम परिषद, मुकेश भार्गवा राष्ट्रीय संयोजक कुंड तीर्थ यात्रा एवं राष्ट्रीय सह-संयोजक राष्ट्रीय परशुराम परिषद, श्रीमती प्रीति चंद्रा राय, राष्ट्रीय महामंत्री परशुराम शक्ति वाहिनी, डॉक्टर अनीता पांडे सह-संयोजक परशुराम कुंड तीर्थ यात्रा व दिल्ली प्रदेश अध्यक्षा परशुराम शक्ति वाहिनी, सुनील सिंह वरिष्ठ पत्रकार आदि ने असम के राज्यपाल जगदीश मुखी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई है कि असम राज्य की परिवहन निगम की बस का संचालन वर्तमान में तिनसुकिया से ग्राम वाक्रो जनपद लोहित तक होता है, जबकि ग्राम वाक्रो से 20 किमी आगे परशुराम कुंड स्थित है, जहां समस्त देश से श्रद्वालु यहां पवित्र कुंड के दर्शन हेतु आते हैं।

विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने प्रसाद योजना के तहत परशुराम कुंड के जीर्णोद्धार व सुंदरीकरण के लिए धनराशि जारी की है, जिससे उक्त स्थान पर देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्वालु आए और राज्य को राजस्व को लाभ हो सकें। राज्यपाल ने आश्वासन दिया कि परशुराम कुंड तीर्थ तक श्रद्धालुओं, गरीब/निर्धन व आर्थिक रूप से कमजोर ऐसे परिवार भी असम परिवहन निगम के बसों के माध्यम से यात्रा कर सकेंगे। मुकेश भार्गवा ने बताया कि परशुराम कुंड तीर्थ यात्रा के लिए तिनसुकिया परशुराम कुंड तक रेलगाड़ी चलाने के लिए प्रधानमंत्री से मिलकर मांग की जाएगी। उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलकर हवाई अड्डे का भी निर्माण पर बात की जाएगी। परशुराम कुंड तक फोरलेन मार्ग बनवाए जाने के संदर्भ में भूतल परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पहले ही पत्र लिखा जा चुका है।