अपनी सरकार के 30 दिन पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत की उपस्थिति में असम की कोविड -19 प्रबंधन क्षमताओं को नए सिरे से बढ़ावा देने के लिए गुवाहाटी के सरुसजाई में निर्मित 300 बिस्तरों वाले कोविड केयर अस्पताल को बृहस्पतिवार को राज्यवासियों की सेवा में समर्पित किया। भारत सरकार के डीआरडीओ सहयोग से 21.46 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह नया अस्पताल गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (जीएमसीेच) के एक अनुबंध के रूप में कार्य करेगा। मुख्यमंत्री ने लगभग 20 दिनों की रिकॉर्ड अवधि के भीतर अस्पताल की स्थापना करने और इस महत्वपूर्ण परियोजना में भागीदारी देने  के लिए डीआरडीओ को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने इसे केंद्र-राज्य सहयोग और असम सरकार और राज्य के लोगों की सामूहिक भावना का एक बेहतरीन उदाहरण बताया। उल्लेखनीय है कि इस अस्पताल के निर्माण में ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 2 करोड़ और आईसीआईसीआई बैंक ने 1.5 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री ने कालापहाड़ कोविड केयर अस्पताल में 20 बिस्तरों वाले आईसीयू और 32 ऑक्सीजन समर्थित बिस्तरों का भी उद्घाटन किया जो जीएमसीएच का अनुबंध होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अब से एमएमसीएच और सिंगिमारी अस्पताल में कोविड मरीजों का इलाज धीरे-धीरे कम किया जाएगा और जीएमसीएच और सरुसजाई के कोविड केयर अस्पताल में मरीजों की देखभाल की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन के समय से ही कोविड-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को और बढ़ावा देने की योजना के तहत अगले दस दिनों में जीएमसीएच में 200 आईसीयू बिस्तरों को चालू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हर जिला अस्पताल में कम से कम 15 आईसीयू बेड स्थापित करने के लिए काम कर रही है। इसके अलावा, राज्य में हर साल बड़ी आबादी को प्रभावित करने वाले बाढ़ और कटाव को देखते हुए मुख्यमंत्री ने डीआरडीओ से राज्य के विभिन्न हिस्सों में अस्थायी आवास सुविधाएं स्थापित करने पर विचार करने का आग्रह किया ताकि बाढ़ प्रभावित लोग वहां शरण ले सकें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 18 वर्ष से ऊपर के सभी वर्ग के लोगों के लिए टीकाकरण को तेज कर दिया गया है। इसके अलावा 21 जून से असम को भारत सरकार से मुफ्त टीका मिलना शुरू हो जाएगा, जो राज्य सरकार के लिए एक बड़ी राहत होगी। उन्होंने यह भी बताया कि गंभीर उपचार की आवश्यकता वाले बच्चों के लिए स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए 1000 बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाइयां (पीआईसीयू) स्थापित की जाएंगी और महामारी की तीसरी लहर के बारे में लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने राज्य में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अटूट प्रतिबद्धता के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों और चिकित्सा बिरादरी को भी धन्यवाद दिया। उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री के साथ स्वास्थ्य मंत्री केशव महंत, प्रधान स्वास्थ्य सचिव अनुराग गोयल और डीआरडीओ के कार्यकारी निदेशक डॉ. हनुमंत राव, मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ, आयुक्त एवं सचिव (स्वास्थ्य) सिद्धार्थ सिंह,  एनएचएम के एमडी डॉ. एस लक्ष्मणन, कामरूप (मेट्रो) के उपायुक्त विश्वजीत पेगु और जीएमसीएच के अध्यक्ष डॉ. अच्युत वैश्य सहित कई गण्यमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।