बेलतला : 10.01.2023 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उच्च अध्ययन संस्थान (आईएएसएसटी), गुवाहाटी में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में गौहाटी विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. दिलीप कुमार मेधी उपस्थित थे। विश्व में हिंदी का विकास करने और इसे प्रचारित-प्रसारित करने के उद्देश्य से विश्व हिंदी सम्मेलनों की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए जागरूकता पैदा करना तथा हिंदी को राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रस्तुत करना है। प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित हुआ था और इसी कारण से इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रो. आशीष कुमार मुखर्जी, निदेशक आईएएसएसटी ने अपने संभाषण में हिंदी के महत्व को बताते हुए इसे एक सहज-सरल भाषा कहा और हिंदी भाषा में वैज्ञानिक पुस्तकों की कमी का उल्लेख करते हुए इस क्षेत्र पर कार्य करने की अपनी इच्छा को व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें कार्यालय कार्यों के साथ-साथ वैज्ञानिक लेखन में भी हिंदी के प्रयोग को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। प्रो. दिलीप कुमार मेधी ने अपने व्याख्यान में हिंदी को जोड़ने की भाषा बताते हुए कहा कि हिंदी हमें विश्वस्तरीय मंच प्रदान करती है। प्रो.मेधी ने हिंदी को मासागर की उपमा देते हुए इसे एक वैज्ञानिक भाषा बताया, जो यथा आवश्यकता अन्य क्षेत्रीय भाषाओं को अपने में समाहित करके इसके प्रयोग को और अधिक सहज बनाती हैं। उन्होंने हिन्दी के अधिक प्रयोग करने पर जोर देते हुए कहा कि हम जितना अधिक हिंदी को अपनाएंगे यह हमारे लिए उतनी ही आसान होती जाएगी। कार्यक्रम को रंग भरते हुए संस्थान के शोधार्थी शैलेंद्र मिश्रा ने स्वरचित कविता का पाठ किया तथा संस्थान के कुलसचिव डॉ. दिगंत गोस्वामी के धन्यवाद ज्ञापन से कार्यक्रम के समापन की घोषणा की गई।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी उच्च अध्ययन संस्थान गुवाहाटी में विश्व हिंदी दिवस का आयोजन
