असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) अध्यक्ष रिपुन बोरा ने हैलाकांदी जिले की असम-मिजोरम सीमा पर मिजो लोगों के अतिक्रमण के फलस्वरूप हाल में वहां बने तनावपूर्ण माहौल पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। साथ ही कहा कि इस सीमाई इलाकों में असम के लोग सुरक्षित नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस की ओर से जारी एक बयान में श्री बोरा ने कहा कि हैलाकांदी जिले की असम-मिजोरम सीमा पर करीब एक दशक पुराने सीमा विवाद की समस्या के समाधान के लिए सरकार ने अब तक कोई उपयोगी योजना नहीं बनाई है,जिसके फलस्वरुप समस्या सुलझने की बजाए दिनों- दिन उलझती जा रही है।  बोरा ने आरोप लगाया कि असम सरकार की अनुपयोगी व्यवस्था के कारण ही मिजो असम की सीमा के पांच किलोमीटर तक घुसपैठ करके 200 बीघा जमीन पर उन्हें बेदखल कर दिया है। इसके अलावा मिजोरम सरकार ने असम की जमीन पर अतिथिशाला का भी निर्माण किया है। मिजो लोग असम की सीमा अतिक्रमण करके असमिया गांव में आग लगा दी। इस पर भी असम सरकार ने इस संदर्भ में कुछ कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा असम-नगालैंड सीमा विवाद की समस्या भी उलझती जा रही है। उल्लेखनीय है कि असम-नगालैंड सीमावर्ती दिसैवैली संरक्षित वनांचल में अतिक्रमण का जायजा लेते वक्त विधायक रूपज्योति कुर्मी पर नागा लोगों ने हमला बोल दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष बोरा ने कहा कि राज्य के लोगों की जिंदगी तथा संपत्ति की सुरक्षा के लिए राज्य की सीमा सुरक्षा के लिए भाजपा सरकार कुछ कारगर व्यवस्था लेने में असफल रही है। इसलिए उन्होंने सरकार से सीमा समस्या के निष्पादन के लिए कारगर योजना बनाने के लिए अपील की। इसके साथ ही बोरा ने होजाई जिले के काकी क्षेत्र में भाजपा सरकार की ओर से चलाया गया अतिक्रमण  अभियान के संदर्भ में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि हाईकोर्ट की ओर से दिए गए निर्देशों का उल्लंघन करके सरकार ने यह कदम उठाया। बोरा ने कहा कि दायित्वपूर्ण विपक्षी दल के रूप में कांग्रेस सरकार के कल्याणमूलक कार्यो में हमेशा सहयोग करेगी, परंतु जनता हित के खिलाफ सिर्फ अपनी मर्जी से किए जाने वाले कार्यो का पार्टी कभी समर्थन नहीं करेगी।