मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्वशर्मा ने रविवार को विद्युत विभाग और उसकी तीन विद्युत वितरण कंपनियों- एपीडीसीएल, एईजीसीएल और एपीजीसीएल को लाभकारी बनाने के लिए गुजरात मॉडल अपनाने का निर्देश दिया। साथ ही बिजली चोरी रोकने और बिजली बिल समय पर न चुकाने वालों के प्रति सख्त और कारगर कदम उठाने को भी कहा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पूरी यथास्थिति की समीक्षा की और इसके लिए कारगर कदम उठाने को कहा। जनता भवन में स्थित मुख्यमंत्री के सभागार में आयोजित इस समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने 63 लाख उपभोक्ताओं के घाटे को कम करने के लिए एक बेहतर बिलिंग प्रणाली स्थापित करने के लिए नाम और फोन नंबरों के साथ एक उचित डेटाबेस बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने विभाग को मीटरिंग, बिलिंग, कलेक्शन आदि में आने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए तकनीकी समाधान अपनाने को कहा और कंपनियों को लाभ कमाने वाली संस्थाओं में बदलने के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए। मुख्यमंत्री ने एपीडीसीएल को लाभदायक बनाने के लिए तत्काल 500 वितरण ट्रांसफार्मर लगाने का निर्देश दिया। डॉ. शर्मा ने अगले 15 दिनों में सभी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में बिजली मीटरों को अवलोकनीय स्थान पर लगाने का निर्देश दिया। उन्होंने सरकारी कार्यालयों के बकाया बिलों की जल्द से जल्द वसूली करने के लिए सरकारी अधिकारियों के बकाए विद्युत बिल को डीडीओ के माध्यम में उनके वेतन से सीधे कटौती करने का आदेश दिया। उन्होंने एपीडीसीएल के पदाधिकारियों के तबादले और पदोन्नति अब से उनके प्रदर्शन के आधार पर करने को कहा। साथ ही एपीडीसीएल को बिजली बिल भुगतान नहीं किए संस्थानों की पहचान करते हुए जमीनी स्तर पर बिलिंग एवं राजस्व संग्रहण को सुव्यवस्थित करने का भी निर्देश दिया ताकि आय में वृद्धि हो सके। मुख्यमंत्री शर्मा ने एपीडीसीएल को सभी पुलिस को बिजली चोरी के मामले अधिकृृत करने के लिए अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया। उन्होंने बिजली विभाग की तीनों कंपनियों को अगले 5 वर्षों के भीतर गुजरात की बिजली कंपनियों की लाभकारी बनने को कहा। इस बैठक में ऊर्जा विभाग के मंत्री बिमल बोरा, तीनों बिजली कंपनियों के अध्यक्ष वी.के. पिपरसेनिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव समीर कुमार सिन्हा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
असम विद्युत विभाग में लागू होगा गुजरात मॉडल
