गुवाहाटीः असम प्रकाशन परिषद व अखिल असम पुस्तक प्रकाशक एवं बिक्रेता संस्था की ओर से 12 दिवसीय असम पुस्तक मेले का विधिवत रूप से शुभारंभ हुआ। महानगर के बीचो-बीच आज से चांदमारी स्थित अभियांत्रिकी खेल मैदान में चहल-पहल के साथ कौतूहल बढ़ गई है, इसके साथ ही पुस्तक प्रेमियों के मुखमंडल पर आनंद व उत्साह बढ़ गया है। मेले में पूर्वोत्तर के साथ इस बार दिल्ली व हरियाणा, कोलकता,मंुबई व झारखंड के साथ ही बांग्लादेश की राजधानी ढाका के प्रकाशकों के साथ 80 प्रकाशकों के 150 से अधिक स्टॉल लगे हंैं। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित इंडोनेशिया की पूर्व पर्यावरण काव्य शिल्पी तारा नोइसंतारा ने विधिवत रूप से उद्घाटन किया। इसके साथ ही अपने भाषण में कहा कि परिषद तथा संस्था की ओर से असम पुस्तक मेले का विशाल आयोजन अतुलनीय है, किताब सीमा की परिधि को तोड़कर मानव चिंता को एकत्रित करती है। उद्घाटन सभा में माननीय अतिथि के रूप में उपस्थित असम सरकार के शिक्षा सलाकार डॉ. ननी गोपाल महंत ने अपने भाषण में कहा कि परिषद तथा संस्था गुवाहाटी के साथ विभिन्न जिलों में पुस्तक मेले का आयोजन कर पुस्तक आंदोलन को तेज करने व बढ़ावा के साथ राज्य के बौद्धिक परिवेश को साहित्य के क्षेत्र में धनाढ्य बना रहे हैं। विशिष्ट अतिथि विशिष्ट लेखक व समालोचक डॉ. गोविंद प्रसाद शर्मा ने कहा कि पुस्तक नहीं पढ़नेवाला जाती खड़ा नहीं हो सकता है। यह पुस्तक मेला इस बात को प्रमाणित करता है कि असम के लोग पुस्तक पढ़ते हैं। सांस्कृृतिक कार्यक्रम के दौरान असम प्रकाशन परिषद साहित्य पुरस्कार 2022 का सम्मान श्रेष्ठ गल्प नामक पुस्तक लेखन के लिए विशिष्ट कथाशिल्पी डॉ. प्रणव ज्योति डेका को प्रदान किया गया। डॉ. महंत ने यह पुरस्कार श्री डेका को प्रदान करने के साथ सम्मान के रूप में नकद 5 लाख रुपए प्रदान किया। साथ ही श्रेष्ठ गल्प पुस्तक के प्रकाशन के लिए बांधव प्रकाशक के मालिक रंजन शर्मा को भी असम प्रकाशन परिषद साहित्य पुरस्कार 2022 का सम्मान प्रदान किया, उन्हें पुरस्कार स्वरूप नकदी 3 लाख रुपए के साथ अन्य उपहार प्रदान किए गए। बाद में प्रेक्षागृह में सांस्कतिक कार्यक्रम के दौरान तारा नोईसंतारा पर्यावरण काव्य शिल्प की प्रस्तुति देकर सबका मान मोह लिया।
असम पुस्तक मेले का शुभारंभ पुस्तकप्रेमियों में खुशी की लहर
