गुवाहाटी : काव्य मंच,असम का तृतीय वार्षिक महोत्सव गुवाहाटी के लताशील स्थित विष्णु निर्मला भवन में मकाम, कामरूप इकाई द्वारा आयोजित किया गया। मकाम, असम के जोरहाट, डिब्रूगढ़, बंगाईगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, बरपेटा, शोणितपुर, गोलाघाट आदि जिलों की प्रतिनिधि उपस्थित थीं। मकाम की उपाध्यक्ष एवं इस महोत्सव की संयोजक मालविका रायमेधि दास मेधा द्वारा अभिवादन के बाद अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन एवं सरस्वती वंदना से कार्यक्रम की शुरूआत हुई। मालविका ने स्वागत भाषण दिया। उत्सव में मुख्य आकर्षक काव्य मंच के संस्थापक पटियाला के निवासी नरेश नाज थे। मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय महासचिव, प्रभारी पूर्वोत्तर रुनू बरुवा रागिनी तथा सभा की अध्यक्षता मकाम अध्यक्ष ममता गिनोड़िया मुग्धा ने की। मालविका मेधा की संपादित एवं पटियाला के साहित्य कलश पब्लिकेशन के सागर सूद द्वारा प्रकाशित असम की 99 कवयित्रियों का हिंदी काव्य संकलन रत्नगर्भा असम का विमोचित किया गया। इस अवसर पर प्रकाशक लेखिका समारोह समिति, असम की उपाध्यक्ष मीना कुमारी रायमेधि ने मकाम को शुभेच्छा देकर कविता का पाठ किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में मारवाड़ी सम्मेलन की महिला शाखा की अध्यक्ष कंचन केजरीवाल एवं वरिष्ठ नागरिक काव्य मंच, पूर्वोत्तर की अध्यक्ष डॉ. गोमा देवी शर्मा ने कविता सुनाई। कवि सम्मेलन का संचालन प्रणिता शर्मा, कंचन शर्मा कोशिका एवं डॉ. मंजुला हुसैन ने निभाई। इस बहुभाषी काव्य गोष्ठी में करीब 70 कवयित्रियों ने भाग लिया। सभी प्रतिभागी कवयित्री को मेमेंटो एवं सम्मान पत्र देकर मकाम, कामरूप इकाई ने सबका दिल जीत लिया। कार्यक्रम के अंत में नाज जी ने अपने भाषण के बाद सुंदर गीतों से सभागृह के सभी जन को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत से हर प्रकार के सुझाव एवं सहायता करके उसे सार्थक व सफल बनाने में मदद करने वाले समाजसेवी व व्यवसायी अनिल दास की प्रशंसा करते हुए कहा कि मकाम इस प्रकार के पुरुषों की सद्भावना से आगे बढ़ता है। साथ ही 2021 वर्ष के सर्वोत्तम जिले का सम्मान कामरूप एवं 2022 वर्ष के लिए जोरहाट के नाम की घोषणा की।
मकामं, असम का तृतीय वार्षिकोत्सव और हिंदी काव्य संकलन रत्नगर्भा असम का विमोचन
