राज्य में कोरोना संक्रमण से मरनेवालों की संख्या घटने का नाम नही ले रही है। वहीं गुवाहाटी शहर को बाढ़ मुक्त बनाने के लिए गुवाहाटी नगर निगम (जीएमसी) की ओर से गत 5 मई से नगर के नदियों व नालों की सफाई जारी है। जीएमसी के अधीन करीब 800 स्थाई तथा 600 अस्थाई अर्थात करीब1400 से अधिक सफाई कर्मचारी लगे हुए हैं। सरकार के अधीन काम करनेवाली संस्था जीएमसी पर पूरे नगर की सफाई की जिम्मेदारी है। सरकार द्वारा हर किसी के लिए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य है। परतुं नगर के नालों व नदियों की सफाई कार्य में जुटे अधिकांश सफाई कर्मचारी बगैर गमबूट, हैंड ग्लोब्स, पोषाक व मास्क के बिना है इस अभियान में लगे हुए हैं। हर दिन नदियों व नालों का कचड़ा निकाल कर सड़क पर फेंका जा रहा है। जिससे नगरवासियों में कोरोना संक्रमण फैलने का भय बढ़ रहा है। इसके साथ ही सफाई कार्य में लगे कर्मचारियों के लिए कोरोना संकट का खतरा मंडरा रहा है। मालूम हो कि नगर के उलूबाड़ी,आमबाड़ी, जीएस रोड, जीएनबी रोड  के साथ ही अन्य इलाकों के नालों की सफाई युद्ध स्तर पर जारी है। इस काम में जीएमसी के हजारों सफाई कर्मचारी जुटे हुए हैं। वहीं हरिजन मजदूर यूनियन के महासचिव दिनानाथ बासफोर का कहना है कि नगर के नदी व नालों की सफाई के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जिसका हम स्वागत करते हैं। जीएमसी आयुक्त देवाशीष शर्मा के साथ ही जीएमसी के अतिरिक्त उप आयुक्त, जीएमसी के संयुक्त आयुक्त, निगम सचिव, कलेक्टर, मुख्य अभियंता, एसोसिएट प्लेनर व अनुमांडलिक अभियंता के निरीक्षण में यह काम चल रहा है। कोरोना संकट काम में सबसे अधिक परेशानी जीएमसी के सफाई कर्मचारियों को हो रही है। परंतु जीएमसी की ओर से सफाई कर्मचारियों के लिए गमबूट, हैंड ग्लोब्स, पोषाक व मास्क उपलब्ध नहीं करवाया गया है। एक मास्क तथा एक हैंड ग्लोब्स से दो दिन सफाई कार्य करना संभव नहीं होता है। पोषाक व गमबूट का अभाव है। कारण सफाई कर्मचारियों के सामने संक्रमण की संभावना अधिक बढ़ जाती है। इसके बावजूद भी सफाई कर्मचारी अपने कार्य से पीछे नहीं हटते हैं।