प्रमुख असमिया साहित्यकार लक्ष्मीनंदन बोरा ने गुरुवार सुबह गुवाहाटी के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली।असम साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष लक्ष्मीनंदन बोरा 89 वर्ष के थे, जब उन्होंने अंतिम सांस ली।लक्ष्मीनंदन बोरा ने 'कायाकल्प' और 'पाताल भैरवी' सहित कई पुरस्कार विजेता उपन्यास लिखे।वह साहित्य अकादमी पुरस्कार और सरस्वती सम्मान के प्राप्तकर्ता भी थे। लक्ष्मीनंदन बोरा को भारत सरकार द्वारा 2015 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया था।प्रमुख लेखक और उपन्यासकार का जन्म 15 जून, 1932 को नागांव जिले के हैतीचुंग में हुआ था।उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा नगांव हाई स्कूल से की और तत्कालीन कॉटन कॉलेज (अब कॉटन यूनिवर्सिटी) से भौतिकी में स्नातक किया। वह प्रेसीडेंसी कॉलेज, कोलकाता से भौतिकी में स्नातकोत्तर थे। उन्होंने आंध्र विश्वविद्यालय में मौसम विज्ञान में डॉक्टरेट की पढ़ाई की।लक्ष्मी नंदन बोरा विश्वविद्यालय द्वारा मौसम विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति थे।