गुवाहाटीः वीर लाचित बरफुकन की 400वीं जयंती के मौके पर लाचित बुरंजी लिखित तरोवाल (लाचित - इतिहास का सृजन करनेवाली तलवार ) नामक नाटक का मंचन होगा।  प्रज्ञा फाउंडेशन के सहयोग से  नयनज्योति भट्टाचार्य द्वारा रचित पुस्तक पर आधारित पुलक कुमार डेका संयोजित तथा निर्देशित नाटक को तेजपुर की रेपारटारी नामक मंडली प्रस्तुति देगी। दो दिवसीय यह नाटक माछखोवा स्थित लाचित घाट पर 17 व 18 दिसंबर को होगा, यह नाटक संध्या 6.30 से शुरू होगा। इसके लिए  लाचित घाट पर सराईघाट के युद्ध स्थल का सेट लगाया गया है। जहां हाथी, घोड़ा, तोप, तलवार  के साथ उस समय के घर आदि की जीवंत झांकी लगाई गई है। जिसे देखने के लिए आज से ही दर्शक पहंुचने लगे हंै। इसकी जानकारी प्रज्ञा के अध्यक्ष जीतुल सोनोवाल तथा सचिव हितेश्वर चक्रवर्ती ने दी। उन्होंने बताया कि ब्रह्मपुत्र के तट पर खुले आसमान के नीचे ऐतिहासिक सराईघाट के युद्ध को दिखाया जाएगा, जिसमें हाथी, घोड़ा,नाच आदि को दिखाया जाएगा। इसके साथ ही वीर लाचित की बहादुरी एवं युद्ध कौशल का मंचन होगा। उनका कहना है कि लाचित का वीरत्व, शौर्य गाथा को जन्म जन्मांतर तक अमर करने हेतु इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।