मालीगांव : पूसी रेल माल परिवहन में सुधार और बेहतर ग्राहक इंटरफेस प्रदान करने के लिए कई कदम उठा रहा है। इस तरह के पहलों में, नवंबर, 2022 में जावक और आवक दोनों माल परिवहन की हैंडलिंग के लिए कुछ और स्टेशन खोले गए हैं। ग्राहक इंटरफेस में सुधार लाने तथा माल परिवहन को और अधिक बढ़ाने के लिए अलीपुरद्वार मंडल के अधीन न्यू माल जंक्शन स्टेशन को 2 नवंबर, 2022 से आवक लौह और इस्पात खेप (क्रेन खेप) की हैंडलिंग के लिए खोला गया है। इससे पहले, इसे कोयला, पीओएल, पशुधन, विस्फोटक और क्रेन की खेप को छोड़कर सभी माल परिवहन के लिए खोला गया था। लामडिंग मंडल के अंतर्गत आगियाठरी स्टेशन को 7 नवंबर, 2022 से तीन महीने की अवधि के लिए आवक एनएमजी रेक की हैंडलिंग के लिए खोला गया है। इससे पहले, इसे जावक और आवक दोनों पार्सल परिवहन की हैंडलिंग के लिए खोला गया था। लामडिंग मंडल के अंतर्गत चुंगाजान स्टेशन को 9 नवंबर, 2022 से जावक कोयला परिवहन की हैंडलिंग के लिए खोला गया है। इससे पहले, इसे 28 सितंबर, 2022 से 3 महीने की अवधि के लिए जावक और आवक दोनों आरएमसी तथा जावक स्टोन चिप्स / बोल्डर परिवहन के हैंडलिंग के लिए खोला गया था। इसके अलावा, कटिहार मंडल के अधीन मोहितनगर गुड्स शेड को 11 नवंबर, 2022 से जावक और आवक दोनों बीएफ स्लैग एवं क्लिंकर परिवहन की हैंडलिंग के लिए खोला गया है। इससे पहले इसे कोयला, पीओएल, पशुधन, विस्फोटक और क्रेन की खेप को छोड़कर सभी माल परिवहन की हैंडलिंग के लिए खोला गया था। लामडिंग मंडल के अंतर्गत लम्सखांग स्टेशन को 17 नवंबर, 2022 से जावक कोयला परिवहन के हैंडलिंग के लिए खोल दिया गया है। इससे पहले इसे केवल जावक रेत परिवहन की हैंडलिंग के लिए खोला गया था। इसके अलावा, भारतीय डाक और रेलवे का एक ज्वाइंट पार्सल प्रोडक्ट (जेपीपी) रेल पोस्ट गति शक्ति एक्सप्रेस कार्गो सेवा शुरू किया गया है, जिसका उद्देश्य ‘रेल पोस्ट गति शक्ति’ के मॉडल का विस्तार करना है। पूर्वोत्तर सीमा रेल में जेपीपी विस्तार के लिए हावड़ा से गुवाहाटी और नई दिल्ली से गुवाहाटी के बीच दो प्रस्थान और गंतव्य जोड़े की पहचान की गई है। जेपीपी के कार्यान्वयन से पार्सल परिवहन प्रस्थान से गंतव्य तक निर्बाध और त्वरित तरीके से किया जा सकता है, जिससे व्यापारियों के साथ-साथ आम लोगों को भी लाभ होगा। ग्राहक इंटरफेस में सुधार और नए टर्मिनल खोलने से मालगाड़ियों की लोडिंग और अनलोडिंग में वृद्धि होती है। इसके परिणामस्वरूप आने वाले वर्षों में पूसी रेल के राजस्व में काफी वृद्धि होगी।