गुवाहाटी : राज्यपाल प्रो. मुखी ने सोमवार को गुवाहाटी जिला पुस्तकालय सभागार में भारतीय योग संस्कृति और योग चिकित्सा केंद्र द्वारा आयोजित 16वें असम योग महोत्सव का उद्घाटन किया। समारोह में राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने कहा, योग पूरी तरह से तंदुरुस्ती और युवावस्था का तथा विज्ञान और शरीर, मन और आत्मा को जोड़ने का विज्ञान है। यह हमारे मानसिक और शारीरिक कल्याण को बढ़ाता है और साथ ही हमारे सामाजिक कल्याण को समृद्ध करता है। यह हमें अपनी शारीरिक और मानसिक सहनशक्ति का निर्माण करके स्वयं की सहायता करने की शक्ति देता है। प्रो. मुखी ने कहा कि आज की भागमभाग जिंदगी में स्वास्थ्य की देखभाल करना आवश्यक है। योग सभी के लिए स्वस्थ और शांतिपूर्ण जीवन जीने का अंतिम उपाय है। योग भारत की प्राचीन परंपरा की अमूल्य देन है। यह मन और शरीर की एकता का प्रतीक है। यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है। प्राचीन काल से ही योग भारतीय संस्कृति का हिस्सा रहा है। राज्यपाल ने स्वामी शिवानंद सरस्वती की सराहना की जिन्होंने वर्ष 1929 में कामाख्या मंदिर के समीप नीलाचल पहाड़ी की तलहटी में उमाचल योगिक अस्पताल शुरू किया था। इसके अलावा उन्होंने राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में योग को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राज्यपाल ने योगाचार्य सुभाशीष कौर के प्रयासों की भी सराहना की, जो वर्ष 1979 में गौशाला, मालीगांव में उत्तर पूर्वी क्षेत्र में अग्रणी योग संस्थान भारतीय योग संस्कृति और योग चिकित्सा केंद्र की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस अवसर पर अध्यक्ष, भारतीय योग संस्कृति और योग चिकित्सा केंद्र, योगाचार्य सुभाषिश, अध्यक्ष, स्वामी निगमानंद योगशर्मा, जोरहाट, स्वामी सुरसानंद सरस्वती, जिला पुस्तकालय के निदेशक दिनमणि दास, योग चिकित्सक और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
राज्यपाल ने 16वें असम योग महोत्सव का किया उद्घाटन
