गुवाहाटी : गुवाहाटी महानगर के कई इलाकों में लोगों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। पिछले कई वर्षों से सरकार द्वारा घर-घर जल पहुंचाने का वादा तो किया जाता है, परंतु इसका सही क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है, जिसके चलते महानगर के कई ऐसे इलाके हैं जहां लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। इसी समस्या के समाधान को लेकर जहां एक ओर नगरवासी प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर नागरिक एक्य मंच नामक संगठन अब सरकार को चेतावनी देते हुए ‘नो वाटर नो वोट’ का नारा बुलंद कर रही है। आज विरिष्ठ नागिरकों ने पेयजल समस्या के समाधान की मांग में मानव श्रृखला बनाकर प्रदर्शन किया। इसके साथ ही सरकार से समय रहते पेयजल की समस्या को दूर करने की जोरदार मांग उठाई। दिखलीपुखरी के पास कई संगठनों के दर्जनों वरिष्ठ महिला तथा पुरुष एकत्रित हुए, इसके साथ ही सभी ने हांथो में प्लेकार्ड लेकर प्रदर्शन किए। इस मौके पर पिछले कई वर्षों से सरकार पानी देने के लिए काम कर रही है, परंतु दे नहीं पा रही है।  वर्ष 2019 से पानी का काम किया जा रहा है, परंतु आज तक पूरा नहीं हो पाया है। पश्चिम गु्वाहाटी में 2013 से ही पानी की आपूर्ति किए जाने की बात थी। मध्य व उत्तर गुवाहाटी में 2016 मे हर घर में पानी पहुंचाना था। वहीं दक्षिण पूर्व में तो यह योजना ही विलुल्प हो गई। गौरतलब है कि 8 रिर्जवर बनाना था, जिसमें 4 रिर्जवर बना, परंतु 3 रिजंवर में भी नियमित रुप से  पानी नही मिल रहा है। सेट्रल गुवाहाटी वासियो को पानी मिल रहा है। राज्य सरकार तथा जीएमडीए व जीएमसी कह रहा है कि 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है, 2023 में पानी मिलेगा। कइयों का कहना था कि सरकार सिर्फ चुनाव के समय विभिन्न तरह का बयानबाजी करती है, परंतु हकीकत में काम कोसो दूर है। वहीं दूसरी ओर पेयजल समस्या के समाधान की मांग में नागरिक एक्य मंच की ओर से एक नागरिक सभा का आयोजन किया गया।  नगर के जिला पुस्तकालय में आयोजित इस सभा की अध्यक्षता सत्यव्रत शर्मा ने की। इस मौके पर राइजर दल के साथ अन्य कई संगठनों के प्रतिनिधी उपस्थित थे। इस मौके पर सभी ने  सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा जल पर अपने- अपने विचार रखा। इसके साथ ही सभी इस मुद्दे पर केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न तरह का मंतव्य रखा। दोनों सरकार को जुमलाबाजी सरकार बताते हुए नो वाटर नो वोट  के नारे भी लगाए। कइयों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गृह राज्य गुजरात मरुभूमि के समान था जिसर्मं आज के समय पर्याप्त मात्रा में पानी का व्यवस्था है। वहीं जिस राज्य के प्रवेश द्वार गुवाहाटी में महाबाहु ब्रह्मपुत्र है, उसी नगरवासियों को पानी के लिए तरसना पर रहा है। जिससे पता चल रहा है कि यह सरकार नगरवासियों की सबसे प्रमुख समस्या पेयजल का पर्याप्त मात्रा में उपलब्द करवाने में कोताही बरत रही है।