गुवाहाटी : छहमाइल की सूरज नगर स्थित एकल भवन में श्री हरि कथा योजना द्वारा श्री कृृष्ण कथा प्रशिक्षण वर्ग में विश्व हिंदू परिषद गौरक्षा केंद्रीय मंत्री एवं पालक नार्थईस्ट क्षेत्र उमेश चंद पोरवाल ने बताया कि प्राचीन काल से आज तक सनातन धर्म प्रेमी गौ माता को मां कह कर पुकारते हैं। उन्होंने कहा कि पुत्र प्राप्ति हेतु महाराजा दिलीप ने वशिष्ठ के आश्रम में जाकर नंदनी गौ माता की सेवा की और पुत्र प्राप्ति हुई। गांव गाय और गोपालकों की रक्षा करने के लिए भगवान श्री कृृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाया। राक्षसों का वध करने के लिए सुदर्शन चक्र भी रखा। गाय में 33 कोटि देवी देवताओं का वास है। जिसके गोबर में लक्ष्मी जी का वास है। गौमाता आत्मनिर्भर स्वस्थ और संपन्न आरोग्य मयी स्वावलंबी बनाने का आधार है। समस्त गौमाता का संरक्षण संवर्धन करने में हम सब की बड़ी भूमिका होनी चाहिए।इस अवसर पर वर्ग में विश्व हिंदू परिषद प्रांत सह कोषाध्यक्ष नटवरलाल अग्रवाल, रूपाली हजारिका प्रभाग व्यास प्रमुख उपस्थित थे।
गौ सेवा से होता है सकारात्मक ऊर्जा का निर्माण : उमेश पोरवाल
