गुवाहाटी/शिलांग :  असम के साथ लगती सीमा पर 22 नवंबर को हुई हिंसा के विरोध में मेघालय में शुक्रवार को विभिन्न संगठनों के असहयोग आंदोलन के आह्वान के चलते सरकारी दफ्तरों में कर्मियों की उपस्थिति बहुत कम रही। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। असम पुलिस के अधिकारियों ने शुक्रवार को नया परामर्श जारी कर अपने नागरिकों को मेघालय की यात्रा नहीं करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मेघालय में स्थिति बहुत अच्छी नहीं  है, क्योंकि पिछली रात को प्रदर्शन के दौरान पुलिस के कुछ वाहनों को आग लगा दी गई एवं कई लोग घायल हुए। मेघालय के लोगों के लिए राहत की बात यह रही कि असम पेट्रोलियम मजदूर यूनियन (एपीएमयू) ने पड़ोसी राज्य से टैंकरों एवं संबंधित कर्मियों की सुरक्षा का आश्वासन मिलने के बाद ईंधन की आपूर्ति बहाल करने का फैसला किया। उसने बृहस्पतिवार को ईंधन की आपूर्ति अस्थायी रूप से रोक दी थी। मंगलवार तड़के अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को असम के वन कर्मियों द्वारा रोके जाने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में हिंसा हुई थी, जिसमें एक वन रक्षक समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भेंट की। शाह ने उन्हें आश्वासन दिया है कि सीमा पर हुई हिंसा की सीबीआई से जांच कराई जाएगी। प्रभावशाली खासी स्टूडेंट्स यूनियन (केएसयू) और फेडरेशन ऑफ खासी जयंतिया एंड गारो पीपुल समेत मेघालय के कई सामाजिक एवं छात्र संगठनों ने इस घटना के बाद ‘असहयोग आंदोलन’ का ऐलान किया है। केएसयू महासचिव डोनाल्ड वी थाबाह ने कहा था कि मुकरोह में असम पुलिस की न्यायेत्तर गोलीबारी में हताहत हुए लोगों के प्रति सम्मान के तौर पर हम केंद्र और राज्य सरकार में कार्यरत अपने भाइयों एवं बहनों से शुक्रवार को कार्यालय नहीं जाकर हमारा समर्थन करने की अपील करते हैं।  अधिकारियों ने कहा कि मेघालय की राजधानी शिलांग में केंद्र और राज्य सरकार के कार्यालयों में कर्मियों की उपस्थिति बहुत कम रही। खासी पहाड़ी एवं जयंतिया पहाड़ी क्षेत्रों के सात जिलों में यही स्थिति है। इन जिलों के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।वहीं गुवाहाटी के पुलिस उपायुक्त (पूर्व) सुधाकर सिंह ने कहा कि कल शिलांग में लोगों ने पुलिस की गाड़ियां फूंक दीं। स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। यही कारण है कि हम लोगों को (मेघालय की) यात्रा नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। कछार के पुलिस अधीक्षक नोमाल महट्टा ने भी कहा कि असम से इस जिले के रास्ते मेघालय आ रहे लोगों एवं गाड़ियों पर भी ऐसी ही पाबंदी लगाई गई है। बृहस्पतिवार को शिलांग में प्रदर्शन एवं कैंडल लाइट मार्च निकाले जाने के कुछ ही देर बाद शहर के कुछ हिस्सों में हिंसा भड़क गई थी। पुलिस को स्थिति नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े थे, क्योंकि अज्ञात बदमाशों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव करने के अलावा पुलिस बस एवं जीप पर पेट्रोल बम फेंके थे, और इस हिंसा में चार लोग घायल हुए थे। शिलांग के खाइंडैलाड, लिवदुह और कुछ अन्य हिस्सों में बृहस्पतिवार को गैर जनजातियों ने हिंसा के डर से अपनी दुकानें एवं अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखे। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। हिंसा के कारण असम से ईंधन की मेघालय आपूर्ति रोक दी गई थी।