कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच सीबीएसई12वीं क्लास में मुख्य विषयों यानी मेजर सब्जेक्ट्स का एग्जाम लेने पर विचार कर रहा है। महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है कि 12वीं क्लास में मेजर सब्जेक्ट्स का ही एग्जाम हो और बाकी सब्जेक्ट्स की मार्किंग के लिए कोई और फार्मूला अपनाया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि जो स्टूडेंट कोरोना की वजह से एग्जाम नहीं दे पाते हैं,उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए। सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के चलते 12वीं बोर्ड का एग्जाम टाल दिया था। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रविवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ मंत्रियों और अधिकारियों की एक हाईलेवल मीटिंग में 12 के एग्जाम और प्रोफेशनल्स एजुकेशन के एंट्रेंस टेस्ट पर फैसला हो सकता है। मीटिंग में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और प्रकाश जावडेकर भी शामिल होंगे।12वीं के लिए 174 सब्जेक्ट्स, इनमें से 20 मेजर सीबीएसई 12वीं क्लास में 174 सब्जेक्ट्स की पढ़ाई कराता है। इनमें से महज 20 को ही मेजर सब्जेक्ट माना जाता है। इनमें फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स, बायोलॉजी, हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, बिजनेस स्टडीज, अकाउंटेंसी, जियोग्राफी, इकोनॉमिक्स और इंग्लिश शामिल हैं। सीबीएसई का कोई भी स्टूडेंट कम से कम 5 और अधिकतम 6 सब्जेक्ट लेता है, आमतौर पर इनमें 4 मेजर सब्जेक्ट होते हैं। ऐसे में दो विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। पहलाःसिर्फ मेजर सब्जेक्ट की परीक्षा निर्धारित सेंटर्स पर कराई जा सकती है। इन परीक्षाओं के नंबर्स को आधार बनाकर माइनर सब्जेक्ट में भी नंबर दिए जा सकते हैं। इस विकल्प के तहत परीक्षा करवाने के लिए प्री-एग्जाम के लिए 1 महीना, एग्जाम और रिजल्ट डिक्लेयर करने के लिए 2 महीने और कंपार्टमेंट एग्जाम के लिए 45 दिनों का समय चाहिए होगा। यानी इस विकल्प को तब ही अपनाया जा सकता है, जब सीबीएसई बोर्ड के पास 3 महीने की विंडो हो। दूसराःदूसरे विकल्प में सभी सब्जेक्ट्स के एग्जाम के लिए डेढ़ घंटे (90 मिनट) का समय निर्धारित करने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही पेपर में सिर्फ ऑब्जेक्टिव या शॉर्ट ही पूछने की सलाह दी है। इस तरह 45 दिन में ही एग्जाम कराए जा सकते हैं। इसमें कहा गया है कि 12वीं के बच्चों के मेजर सब्जेक्ट की परीक्षा उनके ही स्कूल में ले ली जाए। साथ ही, एग्जामिनेशन सेंटर्स की संख्या बढ़ाकर दोगुनी कर दी जाए। सुझावों में कहा गया है कि 12वीं क्लास के एक्जाम में एक पेपर भाषा से संबंधित और 3 पेपर इलेक्टिव सब्जेक्ट का रखा जाए। 5वें और 6वें सब्जेक्ट के नंबर इलेक्टिव सब्जेक्ट में मिले नंबर के आधार पर दिए जाएं। यदि बोर्ड दूसरे विकल्प को चुनाता है तो 2 फेज में परीक्षा करवाई जा सकती है। कोरोना होने पर परीक्षा न दे पाने पर एक मौका और जिन जगहों पर कोरोना महामारी से हालात ज्यादा खराब नहीं हैं, वहां पहले फेज में परीक्षा करवाई जानी चाहिए। बाकी, बचे इलाकों में दूसरे फेज में परीक्षा करवाएं। दोनों फेज के बीच 14 दिन का गैप होना चाहिए।
सीबीएसई : 12वीं बोर्ड में केवल मुख्य विषय की हो सकती है परीक्षा
