इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च ने कहा है कि कोरोना से शुगर की बीमारी भी हो सकती है। बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि कोरोनावायरस डायबिटीज भी दे सकती है, क्योंकि इससे शुगर बढ़ता है। इसका मतलब यह हुआ कि अगर आपको कोरोना संक्रमण से पहले शुगर की समस्या नहीं थी तो यह उसके इलाज के दौरान हो सकती है। देश भर में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के पीछे एक वजह यह भी हो सकती है। उल्लेखनीय है कि  कोरोना संक्रमित के इलाज में रेमडेसिविर जैसे स्टेरॉयड्स की मदद ली जाती है। ये स्टेरॉयड्स कोरोना का वायरल लोड कम करने में मदद करते हैं। लेकिन, यह कोरोनावायरस का इलाज नहीं हैं। गुरुवार को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रेमडेसिविर को कोरोना के इलाज में इस्तेमाल किए जाने वाली दवाओं की लिस्ट से हटा दिया। क्योंकि इसके फायदे कम और साइड इफेक्ट ज्यादा हैं। ऐसी ही दवाओं के बेतहाशा इस्तेमाल की वजह से कोरोना मरीजों में शुगर या डायबिटीज की समस्या हो जाती है। पहले से कोरोना वायरस से लड़ रहे मरीज के शरीर में ब्लड शूगर लेवल बढ़ने से उसकी इम्युनिटी या रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। ऐसे कंडीशन में फंगल इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ा जाता है। जिसकी वजह से ब्लैक या व्हाइट फंगस होता है।