गुवाहाटी : राज्यपाल प्रो. जगदीश मुखी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर गुवाहाटी महानगर के दिघलीपुखुरी स्थित राज्य युद्ध स्मारक में आयोजित राष्ट्रीय एकता दिवस के समारोह में भाग लिया। राज्यपाल प्रो. मुखी ने समारोह में भाग लेते हुए कहा, संयुक्त भारत के निर्माण में सरदार पटेल ने सबसे बड़ा योगदान दिया। यह उनका योगदान है कि आज सभी क्षेत्रों, जाति, समुदाय, भाषा और धर्मों के लोग भारत में पूर्ण एकता में रह रहे हैं। राज्यपाल ने आगे कहा, सरदार पटेल ने स्वतंत्रता के बाद कई रियासतों को भारतीय संघ में शामिल होने के लिए राजी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत को एकीकृत करने में पटेल की निर्णायक भूमिका के कारण, देश को भारत संघ के रूप में जाना जाता है। राष्ट्रीय एकता दिवस सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रो. मुखी ने भी रक्षा कर्मियों की भूमिका की सराहना की। राज्यपाल ने असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों के वर्दीधारी जवानों की देशभक्ति की भावना जगाने की सराहना करते हुए कहा कि आजादी के बाद से इस क्षेत्र के सैनिकों ने मेधावी और विशिष्ट सेवाएं दी हैं। युद्धों के दौरान और सीमा पार आतंकवाद का मुकाबला करने के दौरान उनकी वीरतापूर्ण उपलब्धियां सराहनीय हैं। आज की स्थिति में राज्य में लगभग 39607 भूतपूर्व सैनिक, 7614 विधवाएं, 112 युद्ध विधवाएं/वीर नारी और 78 युद्ध विकलांग हैं। राज्यपाल ने कहा कि सरकार सैनिक कल्याण निदेशालय, असम के तहत 19 जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों के माध्यम से उनका कल्याण, पुनर्वास और कल्याण सुनिश्चित कर रही है। प्रो. मुखी ने पूर्व सैनिकों से भी अनुरोध किया कि वे आगे आएं और अपने स्थानीय क्षेत्रों के विकास के लिए अपने अनुभव का उपयोग करें। उन्होंने उनसे युवा पीढ़ी को मातृभूमि के प्रति प्रेम और उनमें राष्ट्रवाद की भावना पैदा करने में मदद करने का भी आग्रह किया। समारोह में मुख्य सचिव पवन कुमार बोरठाकुर, प्रमुख सचिव जीएडी अविनाश जोशी, एयर कमोडोर अतुल सागर, एडीजीपी मुन्ना गुप्ता, मेजर जनरल राजेश कुमार झा, ग्रुप कैप्टन कनक चंद्र कलिता, पूर्व सैनिक, शहीदों के माता-पिता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
राज्यपाल प्रो. मुखी राष्ट्रीय एकता दिवस में हुए शामिल
