गुवाहाटी : अखिल भारतीय कांग्रेस समिति (एआईसीसी) के नए अध्यक्ष के चयन के लिए नौ हजार से अधिक पार्टी डेलीगेट्स ने वोट डाले, उनमें 277 मतदाता असम से शामिल हैं। राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 291 है ,उनमें 277 ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। उल्लेखनीय है कि इस मतदान को लेकर आज सुबह से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में गहमागहमी रही। अपने मताधिकार का उपयोग करने के लिए आज राज्यभर से डेलीगेट्स राजीव भवन पहुंचे।   यहां आकर मतदान करने वालों में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन बोरा, नेता प्रतिपक्ष और असम विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता देवब्रत सैकिया, विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता रकिबुल हुसैन, पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन सिंह घाटोवार,कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी, पूर्व मंत्री शरद बरकटी सहित और कई नाम उल्लेखनीय हैं। वहीं प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष व तीन बार के विधायक कमलक्ष्य दे मतदान से वंचित रहे, कारण कि उनका नाम डेलीगेट्स सूची में शामिल नहीं था। दूसरी ओर और कई प्रमुख नेता मतदान से वंचित रहे। मालूम हो कि इस मौके पर बरपेटा के सांसद अब्दुल खालेक और पूर्व मंत्री रकिबुल हुसैन मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में दिखे, वहीं नगांव के सांसद प्रद्युत बरदलै शशि थरूर के पक्ष में दिखे। वैसे तो यहां का माहौल आमतौर पर खड़गे के पक्ष में दिखा, परंतु कहा जा रहा है कि बड़ी संख्या में मतदाताओं ने शशि थरूर के पक्ष में वोट डाले। पार्टी सूत्रों की मानें तो युवा मतदाताओं में थरूर के पक्ष में विशेष आग्रह दिखा। उल्लेखनीय है कि इस मौके पर असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एपीसीसी) के पदाधिकारी अपना अगला अध्यक्ष चुनने के लिए मतदान करने को तैयार दिखे, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हैं। मतदान सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच हुआ, जिसके परिणाम 19 अक्तूबर को घोषित  किया जाएगा।  मालूम हो कि कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में देश भर के 65 से अधिक मतदान केंद्रों पर  छठी बार चुनाव संपन्न हुए। 24 वर्षों के बाद कोई गैर गांधी पार्टी के प्रमुख पद पर विराजमान होने जा रहा है। इसलिए इस चुनाव का ऐतिहासिक महत्व है, जो पार्टी में बड़ा बदलाव ला सकता है, जो समयानुकूल और देश के जनमत के अनुकूल होगा।