अल्फा (आई) के सेनाध्यक्ष परेश बरुवा ने शुक्रवार को असम के तेल तथा प्राकृतिक गैस की खुदाई से जुड़ी तीन कंपनियों को निर्धारित शर्तों के तहत सार्वजनिक नोटिस जारी की है। नोटिस में ओएनजीसी, आईओसी तथा ऑयल इंडिया असम से अब तक कितनी संपदाएं बाहर ले गईं तथा लाभ का कितना हिस्सा असम को दिया उसका भी पूरा ब्यौरा सार्वजनिक करने की चेतावनी दी गई है। अल्फा (आई) के सेनाध्यक्ष परेश बरुवा हस्ताक्षरित इन सात शर्तों वाली नोटिस में राज्य की उल्लेखित तीन तेल कंपनियों को नौकरी के मामले में 95 प्रतिशत स्थानीय बेरोजगारों के लिए आरक्षित करने को भी कहा गया। इसके लिए तेल प्रतिष्ठानों के प्रबंध निदेशक के पद पर योग्य स्थानीय अधिकारी के लिए आरक्षण की व्यवस्था करने, सभी प्रकार के पदों की परीक्षा असम में ही कराने, ठेके पर नियुक्ति बंद करते हुए नौकरी नियमित करने व पाइप के जरिए घर-घर रसोई गैस की आपूर्ति सुनिश्चित करने आदि भी शामिल है। दूसरी ओर ओएनजीसी व आईओसी में भी श्रमिकों की नौकरी में 25 से 30 लाख रुपए का रिश्वत लेनेवाले कालाबाजार का खात्मा करने की भी मांग की गई है। अल्फा ने राज्य के चहुंमुखी विकास के साथ ही बाढ़ तथा प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोगों की मदद के लिए ऑयल कंपनियों को सालाना पांच-पांच करोड़ रुपए की सहायता देने की भी चेतावनी दी है। सार्वजनिक नोटिस में तेल कंपनियां अगर अल्फा (आई) की शर्तों को निभाने का वादा करती है तो कंपनियों के खिलाफ संगठन का अभियान बंद होगा। नहीं तो सशस्त्र विद्रोह के सिवा संगठन के पास दूसरा कोई चारा नहीं रहेगा।