धुबड़ीः अग्रवंश के संस्थापक महाराजा अग्रसेन महाराज की 5146वीं जयंती अग्रवाल समाज समिति के सौजन्य से धुबड़ी में विविध कार्यक्रम व व्यापक स्तर पर मनाई गई। आज सुबह ध्वजारोहण, माल्यार्पण व द्वीप प्रज्ज्वलन के बाद एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई। हालांकि जयंती समारोह के अवसर पर आज यहां रिमझिम बारिश रही। इसके बावजूद अग्र बंधुओं व समाज के सदस्यों का उत्साह चरम पर रहा। महाराजा अग्रसेन की बड़ी तस्वीर के साथ सजाए गए वाहन व पूरे गाजे-बाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। इसके बाद स्थानीय अग्रसेन भवन परिसर में गरिमामय समारोह का आयोजन किया गया। समिति के अध्यक्ष सुरेश हरलालका की अध्यक्षता में आयोजित समारोह के दौरान अग्रवाल महिला समिति की अध्यक्ष उर्मिला हरलालका, समाज समिति के सह सचिव पवन चौधरी, युवक समिति के अध्यक्ष रोहित टांटिया मंचासीन थे। समारोह का शुभारंभ अग्रवाल महिला समिति की सदस्याओं द्वारा स्वागत गीत के साथ किया गया। इसके बाद समारोह को संबोधित करते हुए अध्यक्ष सुरेश हरलालका ने सामाजिक एकता की बात पर बल देते हुए कहा कि समाज के असहाय व कमजोर व्यक्ति के साथ हरदम खड़ा रहना समाज की अहम प्राथमिकता है। जिसका समाज निर्वहन कर रहा है। उन्होंने कहा कि समाज में विशेषकर आज की युवा पीढ़ी व बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। इन सबको उचित प्लेटफार्म दिलाने के लिए सामाजिक स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। मालूम हो कि इस अवसर पर हायर सेकंडरी की फाइनल परीक्षा में राज्य भर में चौथा स्थान हासिल करने वाली समाज की बेटी नैंसी खेतावत, जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड की सदस्य चुनी गई। समाज की बहू अधिवक्ता रंजिता अग्रवाल, राजनीति के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने व पालिका चुनाव में पार्षद चुने गए अमित अग्रवाल तथा पत्रकारिता के क्षेत्र में अल्प समय में ही उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ असम सरकार द्वारा हाल ही में मीडिया फेलोशिप के लिए चयनित रवींद्र तोदी का समाज ने अभिनंदन किया। समाज की तरफ से सराई, दुपट्टा व अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन हेतु समाज के 13 छात्र छात्राओं व खेल-कूद प्रतियोगिता के विजयी प्रतिभागियों को भी पुरस्कार प्रदान कर हौसला अफजाई की गई। अग्रसेन जयंती समारोह के सभी कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुए। जहां समाज के सभी सदस्यों का अहम योगदान रहा। समारोह के दौरान समिति की तरफ से समाज के सभी सदस्य परिवारों से विशेषकर आज की युवा पीढ़ी व बच्चों को अपने रीति-रिवाज व सामाजिक पारंपरिक आयोजनों में ज्यादा-से-ज्यादा शामिल होने के लिए उत्साह बढ़ाने का आह्वान किया।