नगांवः स्थानीय कमला देवी तोदी स्मृति साहित्य सभा भवन में कल जिला साहित्य सभा के अध्यक्ष पराण कुमार बरुवा की अध्यक्षता में एक सभा आयोजित हुई। सभा में जिले के अनेक कवि और साहित्यकारों ने भाग लेकर कविता, प्रबंध और कहानी पाठ किया। इस दौरान डॉ. दिलीप शर्मा की ‘काव्य लहमा’ नामक पुस्तक का विमोचन करने के बाद असम प्रकाशन परिषद के तत्वावधान में प्रकाशित पत्रिका प्रकाश के संपादक मिहिर देउरी ने कहा कि डॉ. शर्मा एक जागरूक कवि हैं। वे अपनी कविता के द्वारा समाज के हर पक्ष को स्पर्श करने में समर्थ हुए हैं। साथ ही अति सहज सरल भाषा के द्वारा अपने उद्गार को व्यक्त करने में भी सफल हुए हैं। वहीं प्रत्याशा कौशिक द्वारा हिंदी भाषा से असमिया भाषा में अनूदित नौ कहानियों के ‘नव्य शतिका के सिनाकी श्रेष्ठ दलित कहानी’ के एक कहानी संकलन का विमोचित करते हुए वरिष्ठ अध्यापक तथा साहित्य समालोचक अरिंदम बरकटकी ने कहा कि असमिया साहित्य जगत में अनुवाद का काम जितना होना चाहिए था वह उतना नहीं हुआ। कौशिक ने दलित जीवन गाथा पर आधारित नौ कहानियों के द्वारा किसी समय में किसी राज्य और समाज में दलितों पर होने वाली उत्पीड़न और अत्याचारों के दस्तावेज को खारिज करके असमिया पाठक समाज के सम्मुख रखने में समर्थ हुए हैं। इस अवसर पर विशिष्ट गल्पकार जयंत माधव बोरा और बाल पत्रिका ‘मुकुता’ के संपादक देवजीत बोरा भी उपस्थित थे। नगांव जिला साहित्य सभा के सचिव रेवत कुमार हजारिका द्वारा परिचालित बैठक में खागरिजान महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. रमेश नाथ, असम कवि सन्मिलन के कार्यकारी अध्यक्ष त्रिदिप लस्कर, अखिल भारतीय साहित्य परिषद, नगांव जिला शाखा के सचिव मुनींद्र सैकिया, पूर्व मंत्री व अध्यापक गिरींद्र कुमार बरुवा, डॉ. तोषेश्वर नाथ के साथ नगांव जिला साहित्य सभा के उपाध्यक्ष थगित चंद्र महंत और समीक्षक विशिष्ट कवि दुलाल चंद्र दास भी अपस्थित थे।