तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने शनिवार को असम के अगले मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के नाम पर मुहर लगा दी। भाजपा विधायक दल की बैठक में असम के अगले मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. हिमंत विश्व शर्मा के नाम की औपचारिक घोषणा की जाएगी। निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल खुद डॉ. शर्मा के नाम का राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में प्रस्ताव करेंगे। उक्त प्रस्ताव का समर्थन असम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास करेंगे। भाजपा के एक आला सूत्र ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में राज्यवासियों ने भाजपा नेतृत्वाधीन गठबंधन के पक्ष में जनादेश दिया है। गठबंधन के पक्ष में जनादेश मिलने के बावजूद राज्य के अगले मुख्यमंत्री को लेकर शनिवार तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। शनिवार को प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने नई दिल्ली में कई दौर की बैठकें आयोजित की। बैठक में एक के बाद एक करके कई प्रस्ताव दोनों के सामने रखे गए। इनमें से न तो सोनोवाल और न ही हिमंत के लिए कोई प्रस्ताव ग्रहणयोग्य नहीं हुआ। उसके बाद दिल्ली दौरे को समाप्त कर सोनोवाल व हिमंत असम आने के लिए दिल्ली हवाई अड्डे पहुंचे। हवाई अड्डे से दोनों को फिर राष्ट्रीय नेतृत्व ने शाम पांच बजे वापस बुलाया। राष्ट्रीय नेतृत्व ने कहा कि उन दोनों के साथ केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में बीएल संतोष व बैजयंत जयपांडा भी असम जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रीय नेतृत्व ने राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. शर्मा को ही हरी झंडी दिखाई। दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर आयोजित बैठक के बाद डॉ. शर्मा ने पत्रकारों को सिर्फ यह बताया कि रविवार को गुवाहाटी में पार्टी विधायक दल की बैठक आयोजित होगी। इसी बैठक में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। इससे पहले दो दौर की बैठकों में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने असम के दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक की। तीसरे और अंतिम दौर में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने दोनों नेताओं से एक-साथ बातचीत की। इन बैठकों में असम में अगली सरकार के गठन और अगले मुख्यमंत्री का विषय मुख्य रूप से छाया रहा। सोनोवाल और शर्मा नड्डा के निवास पर अलग-अलग पहुंचे लेकिन बैठक के बाद दोनों एक ही कार में साथ निकले। असम के सोनोवाल-कछारी आदिवासी समुदाय से संबंध रखने वाले सोनोवाल और उत्तर पूर्व लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक शर्मा मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदार हैं। भाजपा ने असम में चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की थी। उसने 2016 विधानसभा चुनाव में सोनोवाल को इस पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किया था और चुनाव जीता था। इसी के साथ पूर्वोत्तर में भगवा दल की पहली सरकार गठित हुई थी। इस बार पार्टी कहती रही कि वह चुनाव के बाद फैसला करेगी कि असम का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। भाजपा ने 126 सदस्यीय असम विधानसभा में 60 सीटों पर अकेले जीत दर्ज की है, जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी असम गण परिषद से नौ और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल ने छह सीटें जीतीं। बैठक की समाप्ति के बाद हिमंत पत्रकारों से मुखातिब तो हुए किंतु मुख्यमंत्री सोनोवाल पत्रकारों का सामना किए बिना नड्डा के घर से निकल गए। इस पूरे प्रकरण में तरह-तरह के सवाल सामने आए हैं। हो सकता है भाजपा आला कमान पहले से ही मुख्यमंत्री का नाम तय कर लिया हो? हिमंत विश्वशर्मा को अगर मुख्यमंत्री बनाया गया तो सोनोवाल को कहां, कैसे किस पद पर आसीन किया जाएगा? हिमंत को अगर मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया तो उनके समर्थक विधायकों में क्षोभ उत्पन्न हो सकेगा क्या? इसी से भाजपा को निकट भविष्य में खतरा भी बन सकता है क्या? प्राप्त जानकारी के मुताबिक नड्डा के आवास में महत्वपूर्ण बैठक के बीच डॉ. हिमंत विश्वशर्मा के अति करीबी विधायकद्वय पीयूष हजारिका व मानव डेका गुवाहाटी से विधायकों की एक तालिका लेकर विमान से दिल्ली पहुंचे। इसी तालिका में गठबंधन के 43 विधायकों के हिमंत के पक्ष में हस्ताक्षर हैं। अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के लिए असम का यह राजनीतिक मामला काफी कठिन बनता जा रहा है।